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    एमडी ने तलब की पर्वतीय बस अड्डे से जुड़ी फाइल

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 21 Jul 2019 11:22 AM (IST)

    पर्वतीय बस अड्डे को लेकर रेलवे की ओर से दिए गए नोटिस के बाद रोडवेज प्रबंधन सक्रिय हो गया है। हालांकि इस बार रोडवेज पर काफी दबाव दिख रहा है।

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    एमडी ने तलब की पर्वतीय बस अड्डे से जुड़ी फाइल

    देहरादून, जेएनएन। पर्वतीय बस अड्डे को लेकर रेलवे की ओर से दिए गए नोटिस के बाद रोडवेज प्रबंधन सक्रिय हो गया है। हालांकि, इस बार रोडवेज पर काफी दबाव दिख रहा है। दरअसल, स्मार्ट सिटी के तहत रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण होना है और यह तभी संभव है, जब रेलवे की जमीन रोडवेज खाली करे। एमडीडीए ने इसका प्लान बनाया हुआ है। दबाव देखते हुए प्रबंध निदेशक रोडवेज रणवीर सिंह ने शनिवार को पर्वतीय बस अड्डे की फाइल तलब की। रोडवेज अब मामले में शासन में दस्तक देने की तैयारी कर रहा। 

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    बता दें कि, रेलवे ने परिवहन निगम को 31 जुलाई तक पर्वतीय बस अड्डे की भूमि को खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। मुरादाबाद रेलवे मंडल की तरफ से भेजे गए नोटिस में यह जिक्र भी है कि, निर्धारित समय-सीमा में भूमि खाली नहीं करने पर रेलवे की ओर से बस अड्डे को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस पर आने वाला खर्च भी रोडवेज को ही देना होगा। रेलवे के नोटिस में रोडवेज को किराये के रूप में बकाये के लगभग 55 लाख रुपये भी जमा कराने को कहा गया है। रेलवे ने पैंसठ साल पहले ये जमीन रोडवेज और टैक्सी स्टैंड को लीज पर दी थी। यह लीज खत्म होने का दावा जताकर रेलवे ने जमीन वापस लेने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद वर्ष-2015 में रेलवे के पक्ष में निर्णय सुनाया। जिला प्रशासन को जमीन रेलवे के कब्जे में दिलाने के आदेश भी दिए गए। जुलाई 2015 में टैक्सी यूनियन ने यह जमीन खाली कर दी थी लेकिन रोडवेज की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    नहीं देंगे कार्यशाला की भी जमीन

    स्मार्ट सिटी के तहत एमडीडीए की ओर से रोडवेज की हरिद्वार रोड कार्यशाला की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। यहां पर ग्रीन बिल्डिंग प्रस्तावित है। एमडीडीए द्वारा इस जमीन के बदले ट्रांसपोर्टनगर में खाली जमीन पर कार्यशाला का निर्माण कराने के लिए रोडवेज को 20 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव है। इसे लेकर रोडवेज कर्मचारी यूनियन के तेवर तल्ख हैं। प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हरिद्वार रोड की कार्यशाला की जमीन तभी दी जाएगी, जब एमडीडीए पर्वतीय बस अड्डे के लिए कोई जगह दे। वरना, कार्यशाला की जमीन लेने नहीं दी जाएगी। इसके लिए हाईकोर्ट जाया जाएगा। 

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