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उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत

उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। भारी बारिश के चलते नदी और नालों में उफान आने से दो लोगों की मौत हो गर्इ है।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 08:32 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 09:08 PM (IST)
उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत
उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत

देहरादून, [जेएनएन]:  बीते 24 घंटे से उत्तराखंड में रुक-रुक कर हो रही बारिश से जन-जीवन पटरी से उतर गया। सबसे ज्यादा असर देहरादून जिलेे में रहा। ऋषिकेश के निकट सौंग नदी के उफान से गांवों में पानी घुस गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। फसलें जलमग्न होने से किसानों को खासा नुकसान पहुंचा है। विभिन्न स्थानों पर वाहन भी फंसे रहे। हरिद्वार में हरकी की पैड़ी के पास मलबा आने से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचा। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा को छूने लगी है। नदी किनारे की बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

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देहरादून और हरिद्वार में नदियों का उफान जिंदगी पर भारी पड़ा। हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र में बाजार से घर लौट रही महिला की नदी पार करते हुए डूबने से मौत हो गई। वहीं, रुड़की क्षेत्र में खेलते- खेलते भाई-बहन उफनते नाले के बहाव की चपेट में आए। हादसे में तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसके छह साल के भाई को बचा लिया गया। इसके अलावा निकट के बिहारीगढ़ क्षेत्र में भी चार श्रमिकों भी स्थानीय नदी में डूबने से बचाया गया। विकासनगर में कार से शीतला नदी पार कर रहे बैंक प्रबंधक और उनके साथी बहाव की चपेट में आ गए। ग्रामीणों ने किसी तरह दोनों को सकुशल निकाल लिया।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को भी राहत की उम्मीद नहीं है। केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक कहीं-कही भारी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए शासन ने भी एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत आपदा प्रबंधन से जुड़ विभागों को सजग रहने के आदेश दिए गए हैं, वहीं यात्रियों और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

दून में 24 घंटे में 172 एमएम बारिश

देहरादून जिले में रविवार को शुरू हुआ बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान 24 घंटे में 172 और हरिद्वार में 189 मिलीलीटर बारिश रिकार्ड की गई। जबरदस्त वर्षा से शहर में सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं। रिस्पना, बिंदाल, सौंग और टौंस नदियां उफान पर हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के कई इलाके मुख्यालय से कट गए हैं। हालात को देखते हुए जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने सुबह स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया। 

 बदरीनाथ हाईवे दो दिन से बंद

भूस्खलन से सफर भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। रविवार की दोपहर बदरीनाथ के पास लामबगड़ में बंद हाईवे सोमवार को भी नहीं खोला जा सका। प्रशासन ने करीब पांच सौ यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका हुआ है। शनिवार शाम सात बजे से बंद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार सुबह 10 बजे यातायात बहाल किया जा सका। हालांकि कई स्थानों पर अब भी मलबा आ रहा है। यमुनोत्री हाईवे पर अब भी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। आलम यह है कि प्रदेश में 120 से ज्यादा  मार्ग बंद होने से करी ब 500 से ज्यादा गांवों का संपर्क मुख्यालयों से कटा हुआ है।

उफान पर नदियां

प्रदेश में नदियों के उफान ने मुश्किलों में और इजाफा कर दिया है। गंगा के अलावा गढ़वाल मंडल में पिंडर, मंदाकिनी, नंदाकिनी के वेग से लोग भयभीत हैं। जबकि कुमाऊं में गोरी, शारदा, सरयू का जलस्तर बढ़ रहा है और काली नदी खतरे के निशान के पास बह रही है। बरसाती नदियों के उफान से बहे पुलों के कारण कई गांवों के लोग घरों में ही कैद होने को मजबूर हैं।

यमकेश्वर में मकान ध्वस्त 

लगातार हो रही बारिश से पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के कई संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। डांडामंडल क्षेत्र में दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है। यहां भूमिया की सार में भारी वर्षा के चलते एक मकान ढह गया। गनीमत रही कि मकान में रह रहे परिवार के सदस्यों ने समय रहते दूसरी जगह शरण ले ली। 

भूमिया की सार गांव पहले ही आपदा की दृष्टि से संवेदनशील घोषित है। गत रात्रि यहां राजेश्वर प्रसाद कुकरेती का दो मंजिला मकान ढह गया। खतरा देखते हुए राजेश्वर प्रसाद कुकरेती व उनके परिजन कुछ देर पहले ही दूसरे मकान में शिफ्ट हो गए थे। 

वहीं कसाण गांव में एक बीमार व्यक्ति अमर सिंह की देर रात मौत हो गई। मगर सभी मार्ग बंद होने के कारण अभी तक उनकी अंतेष्टि नहीं हो पाई है। स्थानीय निवासी बचन सिंह बिष्ट ने बताया कि धारकोट व आसपास क्षेत्र में भूस्खलन के चलते सड़कें टूट गई हैं। जिससे सभी वाहन धारकोट के दूसरी ओर फंसे हुए हैं। वहीं गंगा भोगपुर से किमसार के लिए जाने वाला मार्ग भी राजाजी पार्क क्षेत्र में कई जगह बंद है। 

जीवनगढ़ और मंगलूपुर में गिरे मकान, महिला घायल 

बारिश से देहरादून की ग्राम पंचायत जीवनगढ़ के वार्ड नंबर दो में मंसूर अंसारी का कच्चा घर भरभरा कर गिर गया। परिवार के सदस्यों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घर का कीमती सामान मलबे में दबकर खराब हो गया। 

हरिद्वार जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रूड़की के मंगलूपुर में मकान गिरने से एक महिला के घायल होने की सूचना है।  जिसे 108 नंबर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया है। मंगलौर और भगवानपुर में भी मकान गिरने की सूचना पर तहसील टीम भेजी गई है। वही सदर तहसील के दूधाधारी, रामपुर चुंगी में जलभराव से लोग प्रभावित हैं।

मलबे ने बढ़ाई मुसीबत 

कुमाऊं में सड़कों पर आ रहे मलबे के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपनी बसों को वैकल्पिक मार्ग से पिथौरागढ़ के लिए रवाना किया। चम्पावत जिले में शारदा नदी का जलस्तर बढऩे से बैराज के गेट बंद कर दिए गए हैं और यहां वाहनों की आवाजाही बंद है। प्रदेश में करीब नब्बे सड़कों पर मलबा आने से आवागमन बाधित है। चारधाम यात्रा मार्गों की भी यही स्थिति है। 

गढ़वाल और कुमाऊं में नदियां उफान पर 

गढ़वाल में मंदाकिनी, नंदाकिनी, पिंडर उफान पर हैं तो कुमाऊं में गोरी, काली, सरयू और शारदा का वेग भयभीत कर रहा है। चंपावत जिले के बनबसा में शारदा बैराज पर आवाजाही बंद कर दी गई है। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के एसडीओ बृजेश मौर्या ने बताया कि शारदा का जलस्तर एक लाख तीन हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है। दूसरी ओर ऊधमसिंह नगर जिले में स्थानीय ढेला नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे खेत में काम रहा युवक बहाव की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई।  

दून में 52.2 मिलीमीटर बारिश

शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले चौबीस घंटे से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इस दौरान 52.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। रविवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 28.5 व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार को देहरादून समेत आठ जिलों में बहुत भारी बारिश की आशंका है।

गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब

रात से सुबह तक हुई तेज बारिश से हरिद्वार में गंगा का जलस्तर सुबह छह बजे चेतावनी स्तर को पार करते हुए खतरे के निशान 294 मीटर के करीब 293.90 पर जा पहुंचा। इससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। 

भारी बारिश से गंगा से सटे गांवों के वाशिंदों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाने की तैयारी भी प्रशासन ने करनी शुरू कर दी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया सभी एहतियाती कदम उठाने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में वर्षा के कारण  गंगा के जलस्तर में  वृद्धि दर्ज की गई है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से मात्र 5 सेंटीमीटर  नीचे बह रही है । केंद्रीय जल आयोग द्वारा  हरिद्वार व आसपास क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के वर्षा संबंधी अलर्ट को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर एसडीआरएफ, जल पुलिस और स्थानीय पुलिस को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। 

लगातार बढ़ रहा खतरा 

सौंग नदी का लगातार बढ़ रहा जलस्तर तेजी से गौहरीमाफी के बाढ़ में घिरे 250 परिवारों के लिए खतरा बनता जा रहा है। यदि तत्काल लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू न हुआ तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। सुबह तक प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। गौहरीमाफी में बना गंगा हॉस्पिस पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया हैं।  

हॉस्पिस की ओर से यहां स्थानीय लोगों की मदद के लिए राहत कैंप बनाया गया था जिसमें बाढ़ प्रभावित 30 लोग ठहरे हुए थे। यह आसपास के उन घरों के लोग है, जिनके घरों में बीते दिनों से बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। यह घर गंगा व सौंग के मिलान के बिल्कुल नजदीक हैं। यहां खतरा सबसे ज्यादा है। 

रविवार को बाढ़ का पानी हॉस्पिस तक पहुंच गया जिससे यहां शरण लिए हुए 30 लोगों समेत हॉस्पिस में रह रहे आधा दर्जन कैंसर रोगी फंस गए है। बीते 12 दिन से प्रशासन की टीम भी यहां तक नहीं पहुंची। हॉस्पिस संचालक ओर स्थानीय लोग ही आपस में मदद कर रहे हैं।

कालोनियों में घुसा पानी 

हरिद्वार शहर के भूपतवाला क्षेत्र में भारतमाता मंदिर पुरम, भागीरथी नगर आदि कालोनियों में बारिश और नाले का पानी गलियों और लोगों के घरों में घुस गया है। स्थानीय निवर्तमान पार्षद अनिल मिश्रा ने जिला और नगर निगम प्रशासन पर समय से ध्यान न देने का आरोप लगाया। वहीं सूचना पर एसडीएम मनीष कुमार सिंह के निर्देश पर तहसीलदार सुनैना राणा मौके पर पहुंच जलनिकासी के प्रबंध में जुटी हैं। निवर्तमान पार्षद अनिल मिश्रा उन्हें जलभराव वाले स्थानों को दिखाकर तत्काल उपाय कराने का अनुरोध कर रहे हैं।

बाढ़ जैसे बन रहे हालात 

चंपावत जिले के बनबसा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।  ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में जगह जगह जलभराव से लोगों को आवाजाही करने में भारी दिक्कतों का समस्या करना पड रहा है। बारिश से स्कूली बच्चे भी घर से नहीं निकल पाए। 

पहाडों और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से शारदा नदी और हुडडी का भी जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र में बाढ जैसे हालात हो गये हैं। शारदा नदी का जल स्तर एक लाख 11 हजार क्यूसेक पहुचने से बैराज का गेट दूसरे दिन भी बंद है। इससे पुल पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। बैराज पुल बंद होने के चलते नेपाली यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। नेपाली यात्री पैदल ही आवाजाही को मजबूर है।

नाले में बहा स्कूटी सवार युवक, पुलिस ने बचाया 

टनकपुर में किरोडा नाले में एक युवक स्कूटी सहित बह गया। उसे वहां तैनात पुलिस कर्मी व फायर पुलिस टीम ने उसे बचा लिया। रोहित जोशी पुत्र महेश जोशी अपनी बहन को घर से ग्रिफ छोड़ने गया था। इसके बाद वह स्कूटी से किरोडा की तरफ घूमते हुए चला गया। जहां किरोड़ा के तेज बहाव में बहता चला गया। वहां तैनात फायर पुलिस टीम ने उसे बचा लिया। मौके पर पहुंचे कोतवाल ने उसे घर पहुंचाया। 

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