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Uttarakhand Lockdown: फल सब्जी पर तीन माह के लिए मंडी शुल्क स्थगित

लॉकडाउन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन मंडी समितियों में फल-सण ब्जी उत्पादों पर लिए जाने मंडी शुल्क को तीन माह के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 01:12 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 01:12 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown: फल सब्जी पर तीन माह के लिए मंडी शुल्क स्थगित
Uttarakhand Lockdown: फल सब्जी पर तीन माह के लिए मंडी शुल्क स्थगित

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन मंडी समितियों में फल-सण ब्जी उत्पादों पर लिए जाने मंडी शुल्क को तीन माह के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा बुधवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई समीक्षा बैठक में उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उन्हें यह जानकारी दी।

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मंडी में फल-सब्जी उत्पादों पर डेढ़ फीसद शुल्क लिया जाता है। इसमें एक फीसद मंडी शुल्क व आधा फीसद विकास सेस होता है। कृषि मंत्री उनियाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कृषि कार्यों के लिए श्रमिक न मिलने का मसला भी उन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा। साथ ही सुझाव दिया कि मनरेगा को एग्रीकल्चर से भी जोड़ दिया जाए तो यह दिक्कत दूर हो जाएगी। 

केंद्रीय मंत्री ने इसे अमल में लाने का आश्वासन दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में कृषि व कृषि क्षेत्र के उत्पादों के उपार्जन, परिवहन के मद्देनजर मौजूदा स्थिति, दिक्कतों व आगे की रणनीति पर चर्चा की।

पीकेवीवाई में शामिल होंगे मास्क व सेनिटाइजर

कृषि मंत्री उनियाल के अनुसार उन्होंने अवगत कराया कि परंपरागत कृषि विकास योजना में 4000 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं, जिससे दो लाख किसान जुड़े हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इसमें मॉस्क व सेनिटाइजर को भी शामिल कर लिया जाए। उनियाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इसे स्वीकार कर लिया और कहा कि एक-दो दिन में इसके आदेश जारी हो जाएंगे।

खाद्यान्न प्रचुर मात्रा में उपलब्ध

देहरादून में खाद्यान्न का संकट दूर हो गया है। आटा, चावल, खाद्य तेल समेत अन्य खाद्य पदार्थ प्रचुर मात्रा में बाजार में उपलब्ध हैं। बाहरी मंडियों से राशन की आवक लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही मिलों में भी आटे का उत्पादन बढ़ गया है। अब खाद्य पदार्थों की मांग भी घट गई है। इसके चलते खाद्यान्न का स्टॉक भी लगातार बढ़ता जा रहा है। 

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जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि देहरादून में खाद्यान्न की प्रचुर मात्र उपलब्ध है। इससे कालाबाजारी और ओवर रेटिंग पर भी लगाम लग गई है। उधर, सस्ता गल्ला राशन की दुकानों में सस्ते दाम पर आलू- प्याज के पैकेट बेचने शुरू किए हैं।

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