सड़क फिल्म के लिए माणा आएंगे महेश भट्ट, आलिया और आदित्य निभाएंगे लीड रोल
निर्देशक महेश भट्ट फिल्म सड़क-2 की लोकेशन देखने के लिए एक और दो नवंबर को बेटी पूजा भट्ट और भाई मुकेश भट्ट के साथ माणा और औली आएंगे।
देहरादून, [हिमांशु जोशी]: 20 साल बाद निर्देशन के क्षेत्र में वापसी कर रहे निर्देशक महेश भट्ट फिल्म 'सड़क-2' की लोकेशन देखने के लिए एक और दो नवंबर को बेटी पूजा भट्ट और भाई मुकेश भट्ट के साथ माणा और औली आएंगे। अभिनेत्री आलिया भट्ट पहली बार पिता महेश भट्ट और बहन पूजा भट्ट के साथ काम करती नजर आएंगी। बताया जा रहा है कि तीनों छह दिन तक उत्तराखंड में रहेंगे।
फिल्म 'सड़क-2 ' 1991 की सुपरहिट फिल्म 'सड़क' की सीक्वेल होगी। अभी हाल ही में निर्देशक महेश भट्ट ने अपने 70वें जन्मदिन पर फिल्म 'सड़क-2 ' की घोषणा की थी। बताया जा रहा है कि इस फिल्म के लिए बार्डर के पास की लोकेशन तलाशी जा रही है। इसी क्रम में निर्देशक महेश भट्ट, बेटी पूजा भट्ट और भाई मुकेश भट्ट के साथ फिल्म की लोकेशन देखने के लिए एक और दो नवंबर को देहरादून पहुंच रहे हैं। यहां से हेलीकॉप्टर से वे माणा और औली जाएंगे।
बताया जा रहा है कि फिल्म 25 मार्च 2020 को रिलीज होगी। पर्यटन विभाग के सचिव फिल्म जावलकर ने बताया कि फिल्मों के जरिये पयर्टन स्थलों को प्रमोट किया जा रहा है। लोकेशन देखने के लिए एक और दो नवंबर को निर्देशक महेश भट्ट और पूजा भट्ट आ रहे हैं। माणा और औली जाने के लिए उन्हें हेली सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करने के साथ ही मसूरी और ऋषिकेश में भी शूटिंग की संभावनाएं तलाशंगे।
27 साल बाद साथ होंगे पूजा भट्ट और संजय दत्त
1991 में अंतिम बार अभिनेत्री पूजा भट्ट और अभिनेता संजय दत्त एक साथ नजर आए थे। इसके बाद से दोनों ने साथ में कोई फिल्म नहीं की। बताया जा रहा है कि फिल्म 'सड़क-2 ' में दोनों एक साथ फिर से दिखाई देंगे।
फिल्म केदारनाथ का टीजर जारी
तमाम विवादों से घिरी सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान की फिल्म केदारनाथ का मंगलवार को टीजर जारी किया गया। फिल्म सात दिसंबर को रिलीज होगी। फिल्म को अभिषेक कपूर ने डायरेक्ट किया है। फिल्म की अधिकांश शूटिंग रुद्रप्रयाग में हुई है। ये मंसूर और मुक्कू की प्रेम कहानी है। फिल्म में सुशांत ने मंसूर और सारा ने मुक्कू का रोल निभाया है। फिल्म में 2013 में आई केदारनाथ की तबाही को भी दिखाया गया है। फिल्म की कहानी गौरी कुंड से केदारनाथ मंदिर तक की उसी 14 किलोमीटर के रास्ते की कहानी है। यह एक नौजवान की कहानी है, जो गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग पर डंडी (पिट्टू) मजदूर का काम करता है। एक दिन वह डंडी में एक यात्री को लेकर केदारनाथ जा रहा होता है कि इसी बीच आपदा आ जाती है, जिससे पूरा रास्ता टूट जाता है। बाबा केदार के दर्शनों को आई एक लड़की भी इस सैलाब में फंस जाती है। पहाड़ का यह लड़का जान हथेली पर रखकर उस लड़की को बचाता है और इसी दौरान उसे उस लड़की से प्यार हो जाता है।
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