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सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करने से होती हर मनोकामना पूर्ण

सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर में स्थापित कैलासशेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्‍यता है महादेव सब की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 05:19 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:13 PM (IST)
सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करने से होती हर मनोकामना पूर्ण
सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करने से होती हर मनोकामना पूर्ण

देहरादून, जेएनएन। सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर में स्थापित कैलासशेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रावण मास के आरंभ से ही मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मचारी कैलाशानंद स्वयं एक आसन में बैठकर महादेव का विशेष श्रृंगार करने के साथ हादेव का नित्य प्रति पूरे श्रावण मास 12 से 14 घंटे गंगा जल से जलाभिषेक करते हैं। सुबह से शुरू होने वाली यह आराधना देर शाम तक पूरे श्रावण मास रोजाना चलती है।

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इतिहास

पतित पावनी गंगा किनारे नीलपर्वत की तहलटी में स्थित सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर में स्थापित श्री कैलासशेश्वर महादेव मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना का काल किसी को सही-सही ज्ञात नहीं। मान्यता है कि सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर की स्थापना करने वाले गुरु कामराज ने माई के मंदिर की स्थापना काल में ही इसकी स्थापना की थी। पर, मंदिर में स्थापित महादेव के चलित शिवलिंग की स्थापना यहां मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने की है। मंदिर में आने वाला हर श्रद्धालु यहां दर्शन कर अपनी हर मनोकामना पूरी करता है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से महादेव का जलाभिषेक करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

कैसे पहुंचे

हरिद्वार रेलवे और बस स्टेशन से तकरीबन आठ किमी दूरी पर स्थित इस मंदिर श्रद्धालु यहां पैदल, बाइक, आटो, टेंपो, टैक्सी व सुविधानुसार निजी वाहनों से आसानी से पहुंच सकते हैं। हरिद्वार रेल व बस सेवा से देश के सभी प्रमुख महानगरों से सीधा जुड़ा है। नजदीक का हवाई अड्डा जौलीग्रांट करीब 38 किमी दूरी देहरादून में स्थित है। 

महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी (कैलासशेश्वर महादेव)  का कहना है कि श्रावण मास में देश भर श्रद्धालु महादेव के रूद्रभिषेक व जलाभिषेक को आते हैं। श्रावण मास में नित्य प्रति यहां महादेव का 12 से 14 घ़टे गंगा जल से जलाभिषेक होता है। श्रावण मास में विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ रूद्राभिषेक व जलाभिषेक और शिव तांडव, धूप आरती, दीप आरती की जाती है। यहां स्थापित चलित महादेव  का दर्शन मात्र करने से मनोकामना की पूर्ति होती है।

पुजारी वासु का कहना है कि श्रावण मास में शिव जलाभिषेक अत्यंत मंगलकारी होता है, ऐसे में कैलासशेश्वर महादेव का जलाभिषेक करना और भी ज्यादा पुण्यकारक होता है। सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर में स्थापित महादेव श्रद्धालुओं को अपनी हर मनोकामना पूरी करने का अवसर प्रदान करते हैं, यहां सच्चे मन से किया गया रुद्राभिषेक और जलाभिषेक अत्यंतन फलदायक होता है। श्रावण मास में इसके दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है।

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