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इस देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए जाना पड़ता है गुफा से होकर, जानिए

जिला मुख्यालय पौड़ी से मात्र नौ किमी की दूरी पर स्थित है मां वैष्णो देवी मंदिर। मान्‍यता है कि मां सभी भक्‍तों की इच्‍छाओं को पूरा करती हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 09:52 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 09:18 PM (IST)
इस देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए जाना पड़ता है गुफा से होकर, जानिए
इस देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए जाना पड़ता है गुफा से होकर, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: मां वैष्णो देवी मंदिर जिला मुख्यालय पौड़ी से मात्र नौ किमी की दूरी पर स्थित है, जो वर्षभर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। मां वैष्णो देवी मेला और मंदिर तक पहुंचने के लिए 10 मीटर की गुफा विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। यह सिद्धपीठ भी है। बताते हैं कि मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल में एक बड़ा सरोवर था। इसमें यक्ष कन्याएं (अछरी) जल क्रीड़ा किया करती थीं। इन्होंने ने ही अपनी आराध्या देवी मां वैष्णो देवी के मंदिर को इस स्थान पर स्थापित किया था। हालांकि वर्तमान समय में यह सरोवर सूख चुका है। 

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महातम्य

मां वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना को लेकर कोई लिखित इतिहास मौजूद नहीं है। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर करीब 100 वर्ष पुराना है। जो 90 के दशक के आते-आते जीर्ण-शीर्ण हो गया था। वर्ष 2000 में स्थानीय कुछ लोगों ने कटरा जम्मू कश्मीर से मां वैष्णो देवी पिंड लाकर पुन: भव्य मंदिर बनाकर स्थापित किया। जिसके बाद मंदिर में भक्तों व श्रद्धालुओ का आना जाना बढ़ता चला गया। माता के मंदिर के दाहिनी ओर भैरवनाथ का मंदिर व अछरीखाल के पास यक्ष कन्याओं का भव्य मंदिर स्थित है। जो आधुनिक वास्तुकला से परिपूर्ण हैं। मां के मंदिर में देवी स्नान के बाद सुबह की आरती के साथ सात बजे भक्तों व श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं। जो शाम की आरती के साथ सांय सात बजे बंद हो जाते हैं।

कैसे पहुंचे मंदिर 

मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल पहुंचने के लिए सड़क मार्ग ही सबसे उपयुक्त माध्यम है। मां का मंदिर पौड़ी देवप्रयाग मोटर मार्ग पर अछरीखाल में स्थित हैं। जिला मुख्यालय पौड़ी व देवप्रयाग से श्रद्धालु सड़क मार्ग के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

मां वैष्णो देवी एक सिद्धपीठ है

अंकित भट्ट (पुजारी, मां वैष्णो देवी मंदिर पौड़ी गढ़वाल) का कहना है कि मां वैष्णो देवी एक सिद्धपीठ है। शारदीय नवरात्रि में मंदिर में पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। देवी के दर्शन का महातम्य काफी है। इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। 

मां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती है

राजेंद्र सिंह रावत (संस्थापक, मां वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल पौड़ी गढ़वाल) का कहना है कि मां वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है। मां भी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती है। मंदिर में ऐसे तो वर्षभर पूजा-अर्चना होती है। लेकिन शारदीय नवरात्रों में विशेष पूजा अर्चना का अपना अलग महत्व है। इस बार भी यहां व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है।

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