पारंपरिक वाद्य यंत्रों और गीतों के साथ मां की डोली रवाना
मां धारी देवी की देव डोली धूमधाम से शुक्रवार को पंचप्रयाग के लिए रवाना हुई इस दौरान बड़ी संख्या में भ्श्रद्धालु उपस्थित थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : मां धारी देवी की देव डोली धूमधाम से शुक्रवार को पंचप्रयाग के लिए रवाना हुई। ईष्ट देव सेवा समिति की ओर से आयोजित मां धारी देवी डोली की तीसरी यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें मां की डोली को भव्य रूप से सजाकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों और जागर के साथ विदा किया। देव डोली यात्रा देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंद्रप्रयाग, विष्णुप्रयाग का भ्रमण कर 12 फरवरी को वापस दून पहुंचेगी।
नेहरू कॉलोनी जी ब्लॉक स्थित समिति के कार्यालय में सुबह मां धारी देवी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। मां धारी की डोली फूलों से सजाई गई। रोली, अक्षत, भेंट अर्पित कर मां के जयकारे लगाए गए। इसके बाद फव्वारा चौक तक डोली यात्रा ढोल,दमाऊ, बैंड बाजों की धुनों पर निकाली गई इस दौरान श्रद्धालु भक्ति में झूमते नजर आए। जगरी सीतांबर पंवार ने नायो जी, नायो जी, मेरो धौली देव प्रयागा नायो जी जागर गाई तो सभी श्रद्धालु ने मां का आशीर्वाद लिया। समिति के अध्यक्ष आचार्य सुरेंद्र प्रसाद उनियाल ने बताया कि 21 श्रद्धालुओं का जत्था इस डोली यात्रा पर निकला है। देव डोली ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट में स्नान कर देवप्रयाग में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद यात्रा शनिवार को रुद्रप्रयाग के लिए रवाना होगी। राज्य आंदोलनकारी रामलाल खंडूड़ी ने बताया कि यह यात्रा पहाड़ की संस्कृति के अनोखे और विशिष्ट रूप को दर्शाता है। इन परंपराओं का संरक्षण बेहद आवश्यक है। इस मौके पर विधायक विनोद चमोली ने भी मां का आशीर्वाद लिया। इस दौरान सांस्कृतिक साहित्य एवं कला परिषद उपाध्यक्ष घनानंद घन्ना, समाजसेवी महेंद्र प्रताप सिंह, समिति के कोषाध्यक्ष मनोज उनियाल, सचिव कुसुम बिष्ट, विवेक कोठारी, सुमित नौटियाल, राज्य आंदोलनकारी मंच की प्रदेश अध्यक्ष संगीता रावत, रमा तोमर आदि मौजूद रहे।
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