Updated: Thu, 24 Jul 2025 08:38 AM (IST)
उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एल यू सी सी चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इसके साथ ही कार्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितता के मामले में दो अधिकारियों अखिलेश तिवारी और किशन चंद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। भ्रष्टाचार पर प्रदेश सरकार का प्रहार जारी है। इस क्रम में राज्य के अब तक के सबसे बड़े एलयूसीसी (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी) चिटफंड घोटाले की जांच अब सीबीआइ को सौंपी जा रही है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कार्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितता के मामले में तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी अखिलेश तिवारी और किशन चंद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी प्रदान कर दी है। एलयूसीसी घोटाला उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटाले के रूप में सामने आया है।
इस कंपनी ने प्रदेश के तकरीबन सभी शहरों समेत अन्य प्रदेशों में भी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है। उत्तराखंड में उस पर 13 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, अन्य प्रदेशों में 70 मामले दर्ज हैं। इस समय प्रदेश में इसकी सीआइडी जांच चल रही है। कंपनी ने निवेशकों ने रकम दोगुना करने के नाम पर जमकर रकम जमा कराई और बाद में करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई।
देशभर में कंपनी के खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमों को देखते हुए इसकी सीबीआइ जांच की संस्तुति की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पाखरो टाइगर सफारी निर्माण से अनियमितता संबंधी प्रकरण में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी पर सीबीआई विवेचना रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान की है।
इसी प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद के विरुद्ध भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान की गई है।
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