अकेलेपन से बच्चे पकड़ रहे हैं नशे की राह, पढ़िए पूरी खबर
जब अभिभावकों के पास ही बच्चों के लिए समय न रहे तो बच्चे अकेलापन तो महसूस करेंगे ही। इसी अकेलेपन की वजह से बच्चे नशे की ओर जाने लगते हैं।
देहरादून, जेएनएन। अभिभावक अपने बच्चे की रग-रग से वाकिफ होते हैं। बच्चा एक कदम भी राह भटक जाए तो उन्हें इसका अहसास होता है। लेकिन, जब अभिभावकों के पास ही बच्चों के लिए समय न रहे तो बच्चे अकेलापन तो महसूस करेंगे ही। इसी अकेलेपन की वजह से बच्चे नशे की ओर जाने लगते हैं और अभिभावक भी बच्चों में इस बुराई की पहचान करने में असमर्थ होते हैं। दैनिक जागरण के 'डायल अगेंस्ट ड्रग्स अभियान' के तहत हुई कार्यशाला में मनोचिकित्सक डॉ. मुकुल शर्मा ने अभिभावकों को ऐसी नसीहत दी।
शनिवार को दैनिक जागरण की ओर से आइटी पार्क के समीप स्थित आइटी चिल्ड्रन ऐकेडमी में अभिभावक एवं शिक्षकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मनोचिकित्सक डॉ. मुकुल शर्मा ने कहा कि बच्चों में नशे की प्रवृत्ति तेजी से पनप रही है। इसके लिए कहीं न कहीं अभिभावक भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि माता-पिता नौकरी में इतने व्यस्त रहते हैं कि उनके पास बच्चे के लिए समय नहीं रह पाता। हर बच्चा चाहता है कि वह माता-पिता के साथ अच्छा समय व्यतीत करे। बच्चों को मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण वे अक्सर राह भटकने लगते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए नशा तस्कर छोटी उम्र के बच्चों को नशे की ओर धकेलने में सफल रहते हैं।
डॉ. मुकुल ने कहा कि माता-पिता को बच्चे का अभिभावक ही नहीं, बल्कि दोस्त भी होना जरूरी है। क्योंकि अभिभावक से बच्चा कोई बात छिपा सकता है, लेकिन दोस्त के रूप में वह हर बात साझा करेगा। इसके अलावा उन्होंने हर दिन उनकी गतिविधि में आने वाले बदलाव पर नजर रखने की सलाह दी। अभिभावकों को नशे के दुष्परिणाम भी बताए गए। स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. मधु राय ने दैनिक जागरण की पहल की सराहना की।
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