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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दांव पर लगाई उत्तराखंड की दो राज्यसभा सीटें

तीन राज्यसभा सीटों वाले उत्तराखंड के दो मौजूदा सांसद कांग्रेस टिकट पर महासमर में उतरे हैं। ऐसे में कांग्रेस ने दो राज्यसभा सीटें दांव लगाई हुई हैं।

By Edited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 10:54 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दांव पर लगाई उत्तराखंड की दो राज्यसभा सीटें
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दांव पर लगाई उत्तराखंड की दो राज्यसभा सीटें

देहरादून, विकास धूलिया। पांच सीटों वाले उत्तराखंड में इस आम चुनाव में केंद्र व राज्य में सत्तासीन भाजपा की प्रतिष्ठा तो दांव पर है ही, उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई से कम नहीं। यही वजह है कि कांग्रेस ने अल्मोड़ा संसदीय सीट पर अपने ऐसे राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा पर ही भरोसा किया, जिनका अभी लगभग साढे़ तीन साल का कार्यकाल बाकी है। 

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दिलचस्प बात यह भी कि तीन राज्यसभा सीटों वाले उत्तराखंड के दो मौजूदा सांसद कांग्रेस टिकट पर महासमर में उतरे हैं। अल्मोड़ा सीट से टम्टा तो हैं ही, उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी सीट से उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य राज बब्बर भी मैदान में हैं। 

लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह किस तरह अपने पिछले प्रदर्शन की पुनरावृत्ति करे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक में भाजपा उत्तराखंड की पांचों सीटों पर रिकार्ड जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। इस चुनाव में सभी पांचों प्रत्याशी पचास फीसद से ज्यादा मत हासिल कर चुनाव जीते थे। 

यही नहीं, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का जादू मतदाता के सिर चढ़कर बोला और पार्टी ने 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज की। अलग राज्य बनने के बाद यह पहला मौका रहा, जब उत्तराखंड में कोई पार्टी इस कदर भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई। 

इस बार भाजपा पर इस बात का ही सबसे ज्यादा दबाव है कि वह कैसे अपने पिछले दो चुनावों के प्रदर्शन को कायम रखे। इसके ठीक उलट स्थिति कांग्रेस की है। पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अत्यंत कमजोर प्रदर्शन से उबरना इस दफा कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाने के लिए भी जरूरी है। 

अगर यह कहा जाए कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ है ही नहीं, तो यह गलत भी नहीं होगा। यही कारण है कि उत्तराखंड में पार्टी अपनी एक राज्यसभा सीट भी दांव पर लगाने को तैयार हो गई। 

अल्मोड़ा से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा का अभी लगभग साढे़ तीन साल का कार्यकाल शेष है, बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें ही प्रत्याशी बनाने का निर्णय किया। दरअसल, यह सीट अनुसूचित जाति सुरक्षित सीट है और यहां प्रदीप टम्टा ही कांग्रेस के पास एकमात्र बड़ा चेहरा हैं। 

उत्तराखंड की ही तरह उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस बुरे दौर से गुजर रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को पार्टी ने फतेहपुर सीकरी से मैदान में उतारा है, जबकि उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य राज बब्बर का भी अभी दो साल का कार्यकाल शेष है। 

अगर उत्तराखंड में अल्मोड़ा और उत्तर प्रदेश में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट कांग्रेस जीत जाती है तो उसे इन दो राज्यसभा सीटों से हाथ धोना पड़ेगा। वह इसलिए, क्योंकि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा का पूर्ण बहुमत है और अगर इन सीटों पर शेष कार्यकाल के लिए चुनाव की नौबत आती है तो भाजपा की जीत सुनिश्चित है।

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