लोकसभा चुनाव हुए खत्म, अब विधानसभा उप चुनाव की तैयारी; इस नेता को मैदान में उतार सकती है भाजपा
लोकसभा चुनाव अभी निबटे ही हैं और अब राज्य की दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हो गई है। इन दो रिक्त सीटों में से एक पर कांग्रेस और एक पर बसपा ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा भी उप चुनाव के लिए मैदान में उतरेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। लोकसभा चुनाव अभी निबटे ही हैं और अब राज्य की दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हो गई है। इन दो रिक्त सीटों में से एक पर कांग्रेस और एक पर बसपा ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।
ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा भी उप चुनाव के लिए मैदान में उतरेगी। यद्यपि, भाजपा दावा कर रही है कि दोनों सीटों के उप चुनाव में उसे जीत हासिल होगी। चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने के कारण इस सीट पर उप चुनाव की नौबत आई।
उधर, हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के कारण रिक्त हुई। जहां तक बदरीनाथ सीट का सवाल है, यहां उप चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ही आमने-सामने रहेंगी।
राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक राजेंद्र भंडारी पर ही भाजपा दांव खेलेगी। अगर ऐसा होता है कि मुकाबला दिलचस्प रहने के आसार हैं। मंगलौर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा का भी ताल ठोकना तय है।
बसपा का इस सीट पर हमेशा से ही प्रदर्शन बेहतर रहा है। ऐसे में बसपा इस सीट को जीतने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोडऩा चाहेगी। वैसे तो बसपा प्रत्याशी का चयन राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा, लेकिन यहां प्रदेश के कार्यकर्ता इस सीट पर स्व सरबत करीम अंसारी के किसी स्वजन को ही चुनाव में उतारने के पक्ष में हैं।
इसके पीछे कारण यह है कि बसपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि इससे उनके पक्ष में सहानुभूति लहर चल सकती है और बसपा इस सीट को फिर से अपने पास बरकरार रख सकती है। उधर, भाजपा ने दोनों सीटों पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि पार्टी राज्य में अनवरत जीत का सिलसिला जारी रखेगी। सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या 47 से बढ़कर 49 होने जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी पहले ही दोनों रिक्त सीटों के लिए विधानसभा प्रभारी नियुक्त कर चुकी है।
जल्द ही इन विधानसभाओं में बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर बैठकें शुरू की जाएंगी। प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए पर्यवेक्षकों की टीम को क्षेत्र में भेजा जाएगा, जो स्थानीय कार्यकर्ताओं से राय लेकर और क्षेत्रीय व सामाजिक समीकरणों के आधार पर संभावित नामों का पैनल तैयार करेगी।
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