सेना के लिए इस युवा ने छोड़ी ढाई लाख महीने की नौकरी
जीवन में पैसों को अहमियत देने वाले युवाओं को आइना दिखाते हुए राजस्थान के इस युवका ने सैन्य परंपरा को जिंदा रखा है। सेना के लिए ढाई लाख महीने की नौकरी छोड़ दी।
देहरादून, [जेएनएन]: सैन्य परंपरा के लिए राजस्थान (देवलीहुल्ला पाली) के प्रवीण सिंह ने मर्चेंट नेवी की ढ़ाई लाख रुपये महीने की नौकरी छोड़ दी। दादा और पिता के बाद तीसरी पीढ़ी में प्रवीण के सैन्य अफसर बनन के बाद उनका परिवार गर्व महसूस कर रहा है।
जीवन में पैसों को अहमियत देने वाले युवाओं को आइना दिखाते हुए राजस्थान के प्रवीण सिंह ने सैन्य परंपरा को जिंदा रखा है। प्रवीण सिंह मर्चेंट नेवी में सेकेंड अफसर के पद पर तैनात थे और ढ़ाई लाख रुपये महीना सेलरी ले रहे थे।
मगर उन्होंने आर्टीलर से रिटायर हुए दादा गुमान सिंह और तवांग स्थित चीन बार्डर पर तैनात पिता सूबेदार भंवर सिंह के पद चिह्नों चलने का फैसला लिया। सीडीएस की परीक्षा पास कर प्रवीण ने यह सफलता हासिल भी कर ली। प्रवीण कहते हैं कि मर्चेंट नेवी में सेलरी तो अच्छी थी, मगर सैन्य अनुशासन की कमी खल रही थी। ऐसे में उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा देकर सेना में जाने का फैसला किया।
चार साल आइएमए में दादा रहे इंस्ट्रेक्टर
प्रवीण सिंह के दादा गुमान सिंह आर्टीलरी में तैनात रहते हुए आइएमए में 1971 से 1974 तक इंस्टे्रक्टर रहे हैं। अभी वह 75 साल के हैं। लेकिन जज्बा आज भी देश सेवा के बार्डर पर जाने का है। गुमान सिंह बताते हैं कि आइएमए में रहते हुए सैकड़ों अफसरों को ट्रेनिंग दी। आज नाती के अफसर बनने की खुशी बयां नहीं की जा सकती। नाती और बेटे के देश की सेवा में होने से वह अपने पर नाज करते हैं।
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