Agniveer Recruitment: अगर आप बनना चाहते हैं अग्निवीर, ऐसे करें आनलाइन आवेदन
Agniveer Recruitment अगर आप अग्निवीर बनना चाहते हैं तो जल्दी करें। अब अग्निवीर भर्ती के आवेदन के लिए दो दिन शेष हैं। युवा 30 जुलाई तक आनलाइन आवेदन कर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून : सेना भर्ती कार्यालय लैंसडौन की ओर से आगामी 19 से 31 अगस्त तक कोटद्वार के विक्टोरिया क्रास गबर सिंह कैंट में सेना भर्ती (अग्निवीर) रैली आयोजित की जाएगी। बतौर अग्निवीर सेना में भर्ती होने के लिए युवा 30 जुलाई तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
एक जुलाई से शुरू हो गई थी प्रक्रिया
सेना की आधिकारिक वेबसाइट (https://joinindianarmy.nic.in) पर आनलाइन पंजीकरण/आवेदन करने की प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू हो गई थी। आनलाइन आवेदन करते समय अभ्यर्थी को निम्न जानकारी सही तरीके से भरनी होगी।
सही तरीके से भरनी होगी ये जानकारी
- अपना व माता-पिता का नाम
- जन्मतिथि
- मैट्रिक सर्टिफिकेट नंबर
- हाईस्कूल परीक्षा में प्राप्त अंक
- इंटरमीडिएट परीक्षा में प्राप्त अंक
- आधार कार्ड नंबर
- स्वयं का मोबाइल नंबर
- ईमेल आइडी
- स्थायी पता
एक ही श्रेणी में कर सकते आवेदन
एक अभ्यर्थी एक ही श्रेणी के लिए आवेदन कर सकता है। एक से अधिक श्रेणी के लिए आवेदन करने पर आवेदन पत्र सिस्टम स्वत: ही निरस्त कर देगा।
न्यूनतम और अधिकतम आयु
अग्निवीर की भर्ती के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु साढ़े 17 साल और अधिकतम आयु 23 साल होनी चाहिए। भर्ती रैली जनरल ड्यूटी, क्लर्क, तकनीकी व ट्रेडमैन के लिए आयोजित की जा रही है।
गढ़वाली रेजीमेंट की स्थापना का इतिहास
तत्कालीन कमांडर इन-चीफ मार्शल एफएस राबट्र्स ने गढ़वालियों की अलग रेजीमेंट बनाने का प्रस्ताव तत्कालीक वायसराय लाड डफरिन के पास भेजा। अप्रैल 1887 में दूसरी बटालियन तीसरी गोरखा रेजीमेंट की स्थापना के आदेश दिए गए। जिसमें छह कंपनियां गढ़वालियों की और दो कंपनियां गोरखाओं की थी।
ऐसे पड़ा लैंसडौन नाम
पांच मई 1887 को चौथी गोरखा को बटालियन क्षेत्र के कालौडांडा जिसे लैंसडौन के प्राचीन नाम से जाना जाता है, में पहुंची। इसे बाद में तत्कालीक वायसराय लॉड लैंसडाउन के नाम पर लैंसडौन से जाना गया ।
1891 में 2-3 गोरखा रेजीमेंट की दो कंपनियों से एक गोरखा पल्टन 2-3 क्वीन अलेक्टजेन्टास आन खड़ी की गई और शेष बटालियन को पुन: नया बंगाल इंफैट्री की 39वीं गढ़वाल रेजीमेंट के नाम से जाना गया।

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