ऋषिकेश की सीट पर दांव खेल सकते हैं किशोर उपाध्याय
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के अगले चुनाव क्षेत्र का फार्मूला भी जल्द तय हो सकता है। माना जा रहा है कि इस बार वह ऋषिकेश की सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है, कांग्रेस और पीडीएफ आपसी तनातनी छोड़कर नए समीकरण की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। इस कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के अगले चुनाव क्षेत्र का फार्मूला भी जल्द तय हो सकता है।
टिहरी सीट से हटने की स्थिति में किशोर ऋषिकेश विधानसभा सीट पर दांव खेल सकते हैं। इस विकल्प पर अंदरखाने मंथन शुरू तो हो गया है, लेकिन पार्टी के मुखिया के तौर पर किशोर नए निर्वाचन क्षेत्र का रुख करने से पहले किसी भी तरह की खींचतान से बचने को ऐहतियात बरतने के मूड में हैं।
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सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों के संयुक्त मोर्चे पीडीएफ के खासतौर पर निर्दलीय और उक्रांद से जुड़े विधायकों के कांग्रेस के टिकट पर अगला विधानसभा चुनाव लड़ने के अंदेशे से सत्तारूढ़ दल के भीतर बवाल खड़ा हो गया था। पिछले करीब एक साल से तो पीडीएफ और कांग्रेस के प्रदेश संगठन के बीच टकराव काफी बढ़ गया था।
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इससे सरकार को भी मुश्किलों से जूझना पड़ रहा था। हालत नाजुक होने पर पार्टी हाईकमान को हस्तक्षेप करना पड़ा। अब चुनाव का वक्त और करीब आने पर सरकार और संगठन के बीच तालमेल बढ़ने के साथ ही अब पीडीएफ और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी कारगर फार्मूले की तलाश शुरू कर दी है।
यमुनोत्री विधानसभा सीट पर उक्रांद विधायक प्रीतम पंवार के कांग्रेस के टिकट पर दावे को देखते हुए क्षेत्र के कद्दावर नेता और पूर्व प्रत्याशी केदार सिंह रावत के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थीं। अब इन पर विराम लगता दिख रहा है।
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इधर केदार को मनाने में कांग्रेस कामयाब दिखी तो उधर काबीना मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने भी किसी राष्ट्रीय दल से चुनाव लडऩे की संभावना को ही सिरे से खारिज करना शुरू कर दिया है। पंवार के रुख में बदलाव को कांग्रेस के अंदरूनी सियासी समीकरणों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
अब कमोबेश यही स्थिति प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के मामले में भी है। टिहरी सीट पर काबीना मंत्री और निर्दलीय विधायक दिनेश धनै ताल ठोक रहे हैं। धनै इस सीट से नहीं हटेंगे, ऐसी स्थिति में यदि किशोर उपाध्याय अपनी दावेदारी से पीछे हटते हैं तो उनके लिए सुविधाजनक सीट के विकल्प के फार्मूले की तलाश भी की जा रही है।
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मिशन 2017 की कामयाबी में रोड़ा न अटके, इसे लेकर किशोर समेत पार्टी के अन्य दिग्गजों को भी आपसी सहमति के फार्मूले के आधार पर रजामंद करने की तैयारी है। इसे अंतिम रूप देने में पार्टी के रणनीतिकार जुटे हुए हैं।
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इस रणनीति के तहत किशोर को ऋषिकेश विधानसभा सीट से भाग्य आजमा सकते हैं। हालांकि, खुद इस मामले में किशोर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाना मुनासिब समझ रहे हैं। इस वजह से कोशिश यही की जा रही है कि इस विधानसभा सीट पर मौजूदा तमाम दावेदार प्रदेश अध्यक्ष के समर्थन में लामबंद हों।
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खुद किशोर उपाध्याय भी यही चाहते हैं। बकौल किशोर, प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष होने के नाते उन पर पार्टी के सभी प्रत्याशियों के लिए काम करने की जिम्मेदारी है। ऐसे में वह खुद ऐसी किसी जगह का चुनाव नहीं कर सकते, जहां बड़ी संख्या में पार्टी के दावेदार उनके चुनाव लड़ने पर सहमति जताएं।
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