देवभूमि उत्तराखंड में किसानों को सालाना आठ हजार की सम्मान निधि
Kisan Samman Nidhi देवभूमि उत्तराखंड में किसानों को सालाना आठ हजार की सम्मान निधि मिलेगी। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार इस योजना का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। जल्द इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: देवभूमि के किसानों के लिए राहत भरी खबर। अब सम्मान निधि के रूप उन्हें प्रतिवर्ष छह नहीं, बल्कि आठ हजार रुपये की धनराशि मिलेगी। यह संभव होने जा रहा है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की भांति राज्य सरकार द्वारा लागू की जाने वाली मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से।
इसके अंतर्गत किसानों को प्रतिवर्ष दो हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार इस योजना का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। फिर योजना लागू कर दी जाएगी।
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पंजीकृत 9.35 लाख किसानों को हर साल छह हजार रुपये की सम्मान निधि मिल रही है। यह राशि तय समय पर सीधे उनके खातों में पहुंच रही है। किसानों को कुछ और राहत देने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार भी कदम उठाने जा रही है। असल में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टिपत्र में घोषणा की थी कि वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की भांति मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लाएगी।
प्रदेश में फिर से भाजपा के सत्तासीन होने पर धामी सरकार ने किसानों के लिए यह योजना लाने का इरादा जाहिर कर दिया। अब इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। सम्मान निधि के लिए धन की व्यवस्था, इसके वितरण समेत अन्य बिंदुओं पर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि योजना के अंतर्गत सालाना दो हजार रुपये की धनराशि दो किस्तों में दी जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि योजना का ड्राफ्ट इस माह तैयार कर लिया जाएगा।
दिव्यांग व अन्य प्रमाणपत्र जारी करने को तिथि होंगी तय
मुख्यसचिव डा एसएस संधु ने स्वास्थ्य विभाग को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में दिव्यांग व अन्य प्रकार के प्रमाण पत्र बनाने के लिए मासिक तिथियां तय करने के निर्देश दिए हैं, ताकि क्षेत्रवासियों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग कालेज बढ़ाने पर भी फोकस किया जाए।
बुधवार को मुख्य सचिव ने सचिवालय में स्वास्थ्य, वन विभाग एवं खेल विभाग से संबंधित लंबित प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि नर्सिंग क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्रों के लिए नीति जारी करने के भी निर्देश दिए।
वन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र, जहां पर्यटक अधिक संख्या में आते हैं, उन्हें ईको पार्क और नेचर ट्रेल के रूप में विकसित किया जाए। इस क्षेत्र में तेजी से कार्य करने के लिए पारिस्थितिकी पर्यटन शाखा बनाई जाए। पर्यटकों को इन स्थलों की जानकारी देने के लिए पत्रक तैयार कर होटल व रेस्टोरेंट में वितरित किए जाएं।
खेल विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में उपयुक्त जगह न मिलने से खेल मैदान व ओपन जिम नहीं बन पा रहे हैं। इसे देखते हुए जहां थोड़ी जगह उपलब्ध हो, उसे समतल कर खेल मैदान व ओपन जिम बनाए जाएं।
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार, सचिव राधिका झा व अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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