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    Kedarnath Yatra 2022: केदारनाथ पैदल यात्रा मार्गों पर उपलब्ध रहेगा पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 13 May 2022 01:59 PM (IST)

    स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्गों पर पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध रहेगा। वहीं इसी तरह तुंगनाथ हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री में पैदल यात्रा मार्ग पर भी आ‍क्‍सीजन सिलिंडर रहेगा। इससे यात्रियों को दिक्‍कत नहीं होगी।

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    स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्गों पर पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध रहेगा।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। चारधाम यात्रा के अंतर्गत केदारनाथ, तुंगनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री में पैदल यात्रा मार्गों पर यात्रियों की सुविधा के लिए पोर्टेबल आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध रहेंगे।

    वहीं, राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक सुलभ बनाने एवं मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री का रिकार्ड रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति की डिजीटल हेल्थ आइडी बनाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में यह बात कही।

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    डा. धन सिंह रावत ने कहा कि डिजीटल हेल्थ आइडी बनाने की शुरुआत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कर दी है। उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि जिन मेडिकल कालेजों में एमआरआइ मशीन व जिला चिकित्सालयों में सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है, वहां शीघ्र मशीन उपलब्ध कराएं।

    नियंत्रित रूप से चलाई जा रही यात्रा: संधु

    प्रदेश में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी है। इस कड़ी में चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही यात्री सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। यहां वरिष्ठ चिकित्सक भेजे जा रहे हैं। आइटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ का सहयोग भी यात्रा को नियंत्रित करने के लिए लिया जा रहा है।

    गुरुवार को मीडिया सेंटर में कैबिनेट बैठक के निर्णयों की जानकारी देने के पश्चात पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद चारधाम यात्रा दो साल बाद शुरू हुई है।

    इसे लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। कपाट खुलने वाले दिन यात्रियों की संख्या अमूमन दोगुना रहती है। इनमें कपाट खुलने से एक दिन पहले आने वाले और कपाट खुलने वाले दिन आने वाले श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस कारण शुरुआत में काफी भीड़ भी रही। अब यात्रा को नियंत्रित कर लिया गया है।

    हर धाम में श्रद्धालुओं की धारक क्षमता के हिसाब से संख्या तय की गई है। यह देखने में आता है कि तकरीबन 10 प्रतिशत श्रद्धालु अपना पंजीकरण निरस्त कराते हैं। उनके स्थान पर भी आनलाइन व आफलाइन पंजीकरण किए जा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि उनकी चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से प्रतिदिन बात हो रही है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है।

    एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जितनी मौत हुई हैं, वे व्यवस्थागत खामी नहीं बल्कि हृदयाघात से हुई हैं।

    इनमें वे भी शामिल हैं जिनको पहले कोविड हुआ था। मुख्य सचिव ने कहा कि इस बार यात्रा मार्ग पर अधिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई है। वरिष्ठ अधिकारियों को लगातार निरीक्षण के लिए भेजा जा रहा है।

    आइटीबीपी और एसडीआरएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। इनके सहयोग से अस्वस्थ यात्रियों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों तक ले जाया जा रहा है, जहां उन्हें समुचित उपचार दिया जा रहा है।