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    केदारनाथ हेली सेवा यात्रियों की सुरक्षा के लिए अब सख्त निगरानी, सीसी कैमरों से रखी जा रही नजर

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 08:04 PM (IST)

    उत्तराखंड में केदारनाथ हेली सेवा को सुरक्षित बनाने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने कई कदम उठाए हैं। हेलीपैड पर सीसी कैमरे लगाए गए हैं और हेलीकॉप्टर में रिकॉर्डिंग सिस्टम सक्रिय किया गया है। डीजीसीए और यूकाडा ने सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सीतापुर में कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यूकाडा के सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि एसओपी के अनुसार संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

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    केदारनाथ की हेली सेवाओं को सुरक्षित बनाने को उठाया गया है कदम. Concept Photo

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में इस वर्ष पहले चरण की चारधाम यात्रा में हुई हेली दुर्घटनाओं के बाद अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग सर्तकता से कदम उठा रही है। अब दूसरे चरण की हेली यात्रा को सुरक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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    इस कड़ी में केदारनाथ धाम के लिए चलने वाली हेली सेवाओं की सीसी कैमरे से निगरानी रखी जा रहा है। इसके तहत हेलीपैड में सीसी कैमरे लगाए गए हैं तो वहीं हेलीकाप्टर में भी एयरबोन इमेज रिकार्डिंग सिस्टम सक्रिय किया गया है ताकि उड़ान के दौरान भी रिकार्डिंग चलती रहे।

    प्रदेश में हर वर्ष केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं का संचालन किया जाता है। ये सेवाएं विशेष रूप से गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा से संचालित की जाती हैं। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में एक हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सात व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।

    अब दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो चुका है। ऐसे में अब महानिदेशक नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (डीजीसीए) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने हेली सेवाओं की सुरक्षा को गंभीरता से कदम उठाए हैं। इस कड़ी में हर हेलीपैड में नजर रखने के लिए सीसी कैमरे लगाए गए हैं। यहां से हेलीकाप्टर की उड़ान और इनके उतरने की सभी गतिविधियां रिकार्ड की जा रही हैं।

    ऐसे ही उड़ान के दौरान गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हेलीकाप्टर के भीतर भी रिकार्डिंग की व्यवस्था की गई है। यह स्पष्ट किया गया है कि इस मार्ग पर अधिकतर छह हेलीकाप्टर ही हवा में रह सकते हैं। इनमें भी केदारघाटी के उपर केवल चार हेलीकाप्टर की संचालित होंगी।

    यह व्यवस्था सभी हेली कंपनियां आपस में मिल कर बना रही हैं। साथ ही इन पर नजर रखने के लिए सीतापुर में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा के अलावा विशेषज्ञ एजेंसियों के तकनीकी अधिकारी शामिल हैं।

    सीईओ यूकाडा आशीष चौहान ने कहा कि हेली सेवाओं के संचालन को एसओपी बनाई गई हैं। इसके अनुसार ही इनका संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।