Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kedarnath को स्वर्णमंडित करने वाले परिवार ने इस धाम में भी दान किया था सोने का सिंहासन, चारों ओर हुई थी चर्चा

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sat, 29 Oct 2022 01:35 PM (IST)

    Kedarnath Gold Plating केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह स्वर्णमंडित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार के सहयोग से यह कार्य किया गया है। इस परिवार पहले भी एक धाम में सोने का सिंहासन दान कर चुका है।

    Hero Image
    Kedarnath Gold Plating : सोने की कुल 550 परतें चढ़ाई गई हैं।

    टीम जागरण, रुद्रप्रयाग : Kedarnath Gold Plating : समुद्र तल से 11 हजार 700 फीट ऊंचाई पर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह स्वर्णमंडित कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार के सहयोग से श्री बदरी-केदार मंदिर सिमिति (बीकेटीसी) ने यह काम कराया है। बता दें कि यह परिवार 2004 में बदरीनाथ धाम में भी सोने का सिंहासन दान कर चुका है।

    इसी साल जताई थी इच्छा

    महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार ने इसी साल जून माह में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परत के स्थान पर सोने की परत चढ़ाने की इच्छा व्यक्त की थी। शासन ने अनुमित मिलने के बाद बीकेटीसी ने इस पर काम शुरू कराया। गर्भगृह की दीवारों से चांदी की परत उतारने के बाद तांबे की परत चढ़ाई गई।

    नाप-जोख के बाद तांबे के इन प्लेट को महाराष्ट्र ले जाया गया, वहीं इन पर सोने की परत चढ़ाई गई। सोने की परत चढ़ी इन प्लेटों को कड़ी सुरक्षा में महाराष्ट्र से पहले दिल्ली से पहुंचाया गया।

    इसके बाद इन्हें गौरीकुंड लाकर खच्चरों की मदद से 23 अक्टूबर शाम को केदारनाथ धाम पहुंचाया गया। मंदिर समिति ने इन्हें सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में एक कक्ष में रखवाया था। इन्हें गर्भगृह में लगाते वक्त भी सुरक्षा के पुख्ता प्रंबंध किए गए।

    बदरीनाथ धाम में भी किया था दान

    महाराष्ट्र के दानीदाता लखी परिवार ने वर्ष 2004 में बदरीनाथ धाम में भी दान किया था। तब उन्होंने नारायण भगवान के लिए सोने का सिंहासन के साथ ही वहां सोने की परत से सजावट के साथ ही मंदिर के मुख्य दरवाजे को चांदी जड़ित कराया था।

    छत्र पर भी चढ़ाई गई सोने की परत

    • केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दीवारों के साथ ही जलहरी (शिवलिंग पर पानी चढ़ाने का उपकरण) और छत्र पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
    • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के दो विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वणमंडित करने का काम पूरा कराया गया।
    • इससे पहले गर्भगृह चांदी की परत से सुसज्जित था।
    • वर्ष 2017 में एक दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह की चारों दीवारों पर चांदी की परतें चढाईं थी।
    • इन्हें उखाड़कर अब सोने की परत चढ़ाई गई।
    • आइआइटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और एएसआई की छह सदस्यीय टीम ने मंदिर का निरीक्षण करके गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने की स्वीकृति प्रदान की थी।

    42 दिन में पूरा हुआ काम

    • केदार बाबा के मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित का कार्य 42 दिन में पूरा हुआ।
    • 13 सितंबर से यह कार्य शुरू हुआ था।
    • पहले चरण में गर्भगृह में लगी चांदी की परतें उखाड़ी गई।
    • इसके बाद स्वर्ण परत चढ़ाने के लिए तांबे की प्लेट तैयार की गई।
    • 23 अक्टूबर से गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू किया गया।
    • विशेषज्ञों की देखरेख में 35 कारीगरों ने दिन-रात काम करके बुधवार सुबह इसे संपन्न किया।

    600 वर्ग फीट सोने की परत चढ़ाई गई

    • केदारनाथ मंदिर के 12 फीट गुणा 12 फीट आकार के गर्भगृह की चारों दीवारों के साथ ही जलहरी और छत्र पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
    • इसमें अलग-अलग नाप की सोने की कुल 550 परतें चढ़ाई गई हैं।
    • सोने की इन परतों पर गणेश जी और शिव परिवार के सदस्यों के चित्र भी बनाए गए हैं।
    • इससे पहल चढ़ी चांदी की परत में किसी का चित्र नहीं बना था।

    इस वर्ष केदारनाथ यात्रा

    • इस वर्ष केदारनाथ धाम कपाट कब खुले- 6 मई
    • शीतकाल के लिए कपाट बंद होंगे - 27 अक्टूबर
    • इस साल अब तक धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या - 1555543

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश में केदारनाथ को भी सोमनाथ व काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह दिव्य व भव्य रूप दिया जा रहा है। गर्भगृह पर चढ़ाई गईं चांदी परतें कुछ समय बाद की गंदी हो जाती थीं, इन्हें नियिमत अंतराल पर कैमिकल से साफ करना पड़ता था। अब गर्भगृह में सोने की जो चरत चढ़ाई गई हैं, इनकी चमक कम नहीं होगी और पानी से ही साफ किया जा सकेगा।

    -अजेंद्र अजय, अध्यक्ष बदरी-केदार मंदिर सिमित