केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोपवे श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, निर्माण के लिए 6811 करोड़ की राशि को स्वीकृति
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण को केंद्रीय कैबिनेट ने 6811 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। केदारनाथ रोपवे 12.9 किमी का होगा जिससे 16 किमी की कठिन यात्रा 36 मिनट में तय होगी। हेमकुंड साहिब रोपवे 12.4 किमी का होगा जिससे 21 किमी की यात्रा आसान हो जाएगी। दोनों परियोजनाओं से तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। केदारनाथ धाम में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने दोनों परियोजनाओं के निर्माण के लिए 6811 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी।
केदारनाथ रोपवे परियोजना 12.9 किलोमीटर लंबी होगी। इस पर करीब 4081 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, 12.4 किलोमीटर लंबे हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट पर 2730 करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा। केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा।
केदारनाथ रोपवे परियोजना यात्रियों के लिए वरदान से कम नहीं होगी। अभी भक्तों को केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए गौरीकुंड से 16 किलोमीटर तक बेहद चुनौतीपूर्ण यात्रा करनी पड़ती है। मौजूदा समय में यह दूरी पैदल, टट्टू, पालकी और हेलीकाप्टर से तय करनी होती है।
रोपवे बनने के बाद 8 से 9 घंटे के सफर को महज 36 मिनट में तय किया जा सकेगा। प्रति घंटे एक तरफ से करीब 1800 लोग रोपवे के माध्यम से यात्रा कर सकेंगे। पूरे दिन में करीब 18000 लोग रोपवे से सफर कर पाएंगे।
परियोजना से रोजगार के कई नए अवसर खुलेंगे। रोपवे प्रोजेक्ट से सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच पूरे साल कनेक्टिविटी बनी रहेगी। केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पड़ता है।
हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट, दुर्गम यात्रा होगी आसान
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना के लिए भी बजट स्वीकृत किया गया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 2730.13 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अभी तीर्थयात्रियों को गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 21 किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती है।
प्रोजेक्ट में गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित रोपवे बनाया जाएगा। वहीं, आगे घांघरिया से हेमकुंड साहिब (1.85 किमी) तक सर्वाधिक उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक घंटे एक दिशा में 1,100 और पूरे दिन 11000 यात्री सफर कर सकेंगे।
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