केदारनाथ में टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड, श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा नई ऊंचाइयों को छू रही है। केदारनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख पार कर गई है। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी यात्रियों की संख्या बढ़ी है। सरकार ने सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। प्रतिकूल मौसम के बावजूद यात्रा जारी है और यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

-केदारनाथ धाम में पिछले वर्ष पूरे यात्रा काल में 16,52,076 श्रद्धालुओं ने किए थे दर्शन। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा एक बार फिर नई ऊंचाईयों की ओर बढ़ रही है। वर्षा और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में जबरदस्त उत्साह बना हुआ है। श्रद्धा और आस्था की मिसाल बन चुकी केदारनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकाॅर्ड तोड़ते हुए बुधवार को 16.56 यात्रियों का आंकड़ा पार कर लिया।
अभी धाम के कपाट बंद होने में 15 दिन का समय शेष है। ऐसे में इस संख्या में और बढ़ोतरी होना तय है। पिछले वर्ष पूरे यात्रा काल में 16, 52,0 76 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। वहीं, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी यात्रियों की संख्या बढ़ी है।
दरअसल, सुरक्षित चारधाम यात्रा को लेकर सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्ग पर जवानों की तैनाती की गई है तो यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।
गौरतलब है कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित रही। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग ध्वस्त होने के कारण तब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।
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ऐसे में वर्षाकाल थमने के बाद यात्रा को बहाल करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर जुटकर यात्रा मार्गों को सुचारू किया। नतीजतन, दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया जा रहा है कि प्रतिकूल मौसम में यात्रा करने से बचें।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखने के दृष्टिगत जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू हो सकें।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
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