Karnprayag Rail Project: कोरोना की चुनौती के बीच भी जारी परियोजना का काम, तैयार हुई 7.28 किलोमीटर सुरंग
कोराना महामारी की दूसरी लहर में भी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम लगातार जारी है। कोविड कर्फ्यू व संक्रमण के खतरे के बीच विषम परिस्थितियों ने रेल विकास निगम ने इस परियोजना पर कई महत्वपूर्ण टास्क पूरे किए हैं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। कोराना महामारी की दूसरी लहर में भी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम लगातार जारी है। कोविड कर्फ्यू व संक्रमण के खतरे के बीच विषम परिस्थितियों ने रेल विकास निगम ने इस परियोजना पर कई महत्वपूर्ण टास्क पूरे किए हैं। भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम कोरोना महामारी की चुनौती के बीच भी जारी है।
ऋषिकेश में परियोजना का पहला रेलवे स्टेशन योग नगरी स्टेशन तैयार करने के बाद रेल विकास निगम (आरवीएनएल) योग नगरी स्टेशन से कर्णप्रयाग तक लिंक प्रोजेक्ट के रूप में सिंगल गेज रेल लाइन पर काम कर रहा है। 16216 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही 125 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 105 किलोमीटर रेल लाइन 17 सुरंगों के भीतर से गुजरेगी। इस परियोजना के निर्माण के लिए रेल विकास निगम नौ पैकेज में काम को अंजाम दे रहा है। इन नौ पैकेज में 80 फेस में काम किया जा रहा है।
कोविड-19 की दूसरी लहर में भी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आरवीएनएल परियोजना की सुरंग व रेल पुल निर्माण के कार्य जारी रखे है। उत्तर रेलवे की प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि रेल विकास निगम ने इस बीच 32 फेज में हो रहे सुरंग निर्माण में 200 मीटर प्रति सप्ताह का लक्ष्य पूरा किया है, जबकि आगामी माह में 300 मीटर प्रति सप्ताह 50 फेज में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई माह में चंद्रभागा नदी पर परियोजना के प्रथम महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोड टेस्टिंग भी किया गया है। नैथाना में रोड ब्रिज (2×11मीटर) और गौचर में रोड ब्रिज (110 मीटर) की लॉन्चिंग का कार्य पूरा किया गया।
सिवाई-कालेश्वरी रोड ब्रिज (125 मीटर) के टावर का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि लॉन्चिंग कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा। इसके अलावा लछमोली में ब्रिज नंबर-8 (3×90 मीटर) की ट्रायल असेंबली कार्य पूरा हो गया है। इस पर लॉन्चिंग कार्य शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजना पर अब तक कुल 7.28 किलोमीटर टनल निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। जिसमें कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान लगभग 1.4 किलोमीटर टनलिंग का कार्य किया गया। इसके अलावा आरवीएनल ने श्रीनगर (गढ़वाल) में एक 52 बेड का अस्पताल भी तैयार किया है, जो जनवरी 21 में कमिशन हो गया था।
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