Rishikesh Karnprayag Rail Project: आठ स्टेशनों के निर्माण को टेंडर जारी, 289.61 करोड़ लगेगी लागत
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में तेजी आई है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने आठ स्टेशनों के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इन स्टेशनों में देवप्रयाग जनासू मलेथा श्रीनगर धारी देवी तिलनी घोलतीर और गौचर शामिल हैं। 289.61 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन स्टेशनों का निर्माण जनवरी से शुरू होने की संभावना है। कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए टेंडर नवंबर में जारी होंगे।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के आठ स्टेशनों के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने बुधवार को टेंडर जारी कर दिए। इनमें पैकेज दो व तीन के चार-चार स्टेशन शामिल हैं। कंपनियां इनके लिए 28 अक्टूबर तक टेंडर भर सकेंगी। 21 नवंबर को टेंडर खोले जाएंगे और जनवरी से इन पर काम शुरू करने की तैयारी है।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर कुल 13 स्टेशन बनने हैं। इनमें से वीरभद्र व योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो चुके हैं और इनसे ट्रेनों का संचालन भी हो रहा है। वहीं, शिवपुरी और व्यासी रेल स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
अब परियोजना के पैकेज-दो के देवप्रयाग, जनासू, मलेथा व श्रीनगर और पैकेज-तीन के धारी देवी, तिलनी, घोलतीर व गौचर रेल स्टेशन निर्माण के लिए बुधवार को टेंडर जारी कर दिए गए।
आरवीएनएल के उप महाप्रबधंक (सिविल) ओपी मालगुड़ी ने बताया कि पैकेज-दो के स्टेशनों का निर्माण 163.45 करोड़ और पैकेज तीन के स्टेशनों का निर्माण 126.16 करोड़ की लागत से होना है। टेंडर खुलने के बाद संबंधित कंपनी को साइट पर जरूरी सामान पहुंचाने के लिए समय दिया जाएगा।
कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए नवंबर में होंगे टेंडर
रेल परियोजना के सबसे बड़े स्टेशन कर्णप्रयाग के लिए 20 नवंबर को टेंडर जारी किए जाएंगे। कर्णप्रयाग स्टेशन टर्मिनल (टर्मिनस) के रूप में बनाया जाना है। यहां 26 रेल लाइन बिछेंगी। स्टेशन का काम जून 2026 के आसपास शुरू होने की उम्मीद है। रेल परियोजना पर तीन सुरंगों की दस किमी की खोदाई का काम अभी होना है। वहीं, पटरी बिछाने के लिए सर्वे का कार्य भी चल रहा है।
रेल परियोजना पर एक नजर
- कुल लागत 16,216 करोड़ रुपये
- वर्ष 2019 में शुरू हुआ कार्य, वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का है लक्ष्य
- कुल लंबाई 126 किमी
- 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी इसमें से 105 किमी लाइन
- सबसे लंबी सुंरग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
- सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सेवई से कर्णप्रयाग के बीच)
11 सुरंगों की लंबाई छह किमी से अधिक
परियोजना के तहत वीरभद्र, योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग (सेवई) में 13 स्टेशन बनने हैं।
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