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    कांवड़ लेकर गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचा यह अल्लाह का बंदा, खुदा की इबादत के साथ करते शिव की भक्‍ति

    kanwar yatra 2022 बागपत उत्तर प्रदेश से एक अल्लाह का बंदा कांवड़ लेकर गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचा। वह म स्जिद में नमाज अदा करने के साथ ही रोजाना शिव मंदिर में साफ सफाई भी करते हैं। वह तीसरी बार कांवड़ लेकर हरिद्वार आए हैं।

    By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 23 Jul 2022 10:56 PM (IST)
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    हरिद्वार में कांवड़ लेकर पहुंचे उत्‍तर प्रदेश के बागपत निवासी बाबू खान।

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कांवड़ यात्रियों के सैलाब में एक मुस्लिम भी है, जो सिर पर टोपी व कांधे पर कांवड़ लेकर गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचे हैं। इस शिवभक्त मुस्लिम का नाम बाबू खान है, जो तीसरी बार कांवड़ यात्रा (kanwar yatra 2022) पर आए हैं।

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    रोजाना शिव मंदिर में करते हैं सफाई

    साल 2018 में पहली बार कांवड़ में गंगाजल (Gangajal) ले जाकर जलाभिषेक करने पर उन्हें भारी विरोध झेलना पड़ा। यहां तक की मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। अब वह खुदा की इबादत करने के साथ ही रोजाना शिव मंदिर में साफ सफाई भी करते हैं।

    गंगा स्नान करने के बाद उठाई कांवड़

    बागपत के गांव रंछाड़ निवासी बाबू खान (muslim kanwar yatri) को हरकी पैड़ी (HarKi Pedi) पर गंगा जल भरता देखकर हर कोई हैरान रह गया। बाबू खान ने गंगा स्नान करने के बाद विधि विधान से कांवड़ उठाई और गंगा जल लेकर पुरा महादेव मंदिर के लिए रवाना हो गए।

    इस्लाम सभी का सम्मान करने की देता सीख

    मीडियाकर्मियों से बातचीत में बाबू खान ने बताया कि हमारा मजहब इस्लाम हमें सभी धर्मों का सम्मान करने की सीख देता है। इसलिए वह रोज सुबह पांच बजे गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और फिर शिव मंदिर (Shiv Temple) पर जाकर साफ सफाई करते हैं।

    2018 और 2019 में भी लेकर गए थे कांवड़

    कांवड़ को लेकर पूछे गए सवाल पर बाबू खान ने बताया कि वह 2018 और 2019 में भी कांवड़ लेकर गए थे। पहली बार कांवड़ ले जाने पर पुरा महादेव मंदिर पर जलाभिषेक करने के बाद अगले सुबह मस्जिद में नमाज (Namaz) पढ़ने के लिए गया तो बाहर निकाल दिया गया।

    मैंने इस्लाम नहीं छोड़ा, कांवड़ लाने में है आस्था

    इसके लिए मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्हें बताया कि मैंने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा है, सिर्फ कांवड़ लाने में आस्था है। इसलिए हर साल कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आता हूं। बाबू खान ने बताया कि वह ट्रक चलाते हैं। पहली कांवड़ उन्होंने भगवान शंकर, दूसरी कांवड़ माता पार्वती और अब तीसरी कांवड़ भगवान गणेश के नाम पर लेकर जा रहे हैं।

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