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सरकार बैडमिंटन एसोसिएशन पर लगाए लगाम: ज्वाला गुट्टा

अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा का कहना है कि बैडमिंटन एसोसिएशन पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए। एक व्यक्ति के बजाय शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 10:42 PM (IST)
सरकार बैडमिंटन एसोसिएशन पर लगाए लगाम: ज्वाला गुट्टा
सरकार बैडमिंटन एसोसिएशन पर लगाए लगाम: ज्वाला गुट्टा

देहरादून, [जेएनएन]: अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा का कहना है कि खेल एसोसिएशनों में एक ही व्यक्ति को सभी पावर नहीं दी जानी चाहिए। यदि एक ही व्यक्ति के पास सभी अधिकार होंगे तो बैडमिंटन का भला नहीं हो सकता। इसलिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि जब वह बैडमिंटन एसोसिएशन को आर्थिक मदद करती है तो उसकी पूरी मॉनीटरिंग भी की जानी चाहिए। साथ ही सरकार एसोसिशन पर लगाम कसे और उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे। ताकि सभी खिलाडिय़ों को बराबरी के अवसर प्राप्त हों। 

इकोल ग्लोबल स्कूल में पहुंची शटलर ज्वाला गुट्टा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि युगल बैडमिंटन के भविष्य के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैडमिंटन एसोसिशन पर लगाम लगाए। आज सिर्फ सिंगल वर्ग को तवज्जो दी जा रही है, जबकि युगल में ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है। इसलिए युगल पर भी उतना ही फोकस किया जाना चाहिए। 

अनदेखी का ही कारण है कि युगल में देश में अच्छे परिणाम सामने नहीं आ रहे। प्रीमियर बैडमिंटन लीग में एक ऐकेडमी के सर्वाधिक खिलाड़ी खेले जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। जब अधिकांश खिलाड़ी एक ही ऐकेडमी के खेलेंगे तो अन्य खिलाड़ियों का क्या होगा। 

ओवर ऐज पर लगे प्रतिबंध

ज्वाला गुट्टा ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि कोई 19 साल का खिलाड़ी अंडर-15 प्रतियोगिता में खेलने आता है। हालत ये है कि जब ऐसे खिलाड़ी के पकड़े जाने पर उसे प्रतिबंधित करने के बजाय अंडर-19 में खिला दिया जाता है। जबकि, यह अपराध है। इसके सबसे बड़े दोषी उस खिलाड़ी के माता-पिता होते हैं। 

युगल में मिले थोड़ा और समय

शटलर ज्वाला का कहना है कि युगल में अच्छे परिणाम न आने का एक बड़ा कारण ये होता है कि यदि एक जोड़ी दो या तीन प्रतियोगिता में असफल होती है तो उनके पार्टनर बदल दिए जाते हैं। जबकि, खिलाडिय़ों को थोड़ा और समय दिया जाना चाहिए।

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