रोडवेजकर्मियों को जुलाई और अगस्त का वेतन हुआ जारी
वेतन न मिलने से आंदोलन पर जाने को तैयार रोडवेजकर्मियों को गुरूवार को निगम प्रबंधन ने दो माह का वेतन जारी कर दिया।
देहरादून, जेएनएन। तीन माह से वेतन न मिलने से आंदोलन पर जाने को तैयार रोडवेजकर्मियों को गुरूवार को निगम प्रबंधन ने दो माह का वेतन जारी कर दिया। इससे करीब सात हजार कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। बेहद खराब आर्थिक वक्त से गुजर रहे परिवहन निगम के सामने अभी भी सितंबर का वेतन व दिवाली का बोनस देने की चुनौती बनी है। कर्मचारी यूनियन ने सितंबर के वेतन एवं बोनस के भुगतान को लेकर निगम प्रबंधन को बीस अक्टूबर तक का समय दिया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने निगम को सत्रह करोड़ रुपये का भुगतान किया तो निगम प्रबंधन गुरुवार को जुलाई व अगस्त का वेतन जारी कर पाया। त्योहारी सीजन में भी रोडवेज कर्मचारी वेतन को तरस रहे थे। स्थिति यह है कि जुलाई से रोडवेजकर्मियों को वेतन नहीं मिला था। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन हाईकोर्ट गई और हाईकोर्ट ने सरकार को तत्काल वेतन जारी करने के आदेश दिए थे। सरकार की ओर से निगम के लंबित भुगतान की एवज में पहले साढ़े 12 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे थे, मगर बाद में सरकार ने 17 करोड़ रुपये की राशि जारी की। सरकार पर निगम के करीब नब्बे करोड़ रुपये बकाया हैं। सरकार की ओर से जारी राशि मिलने के बावजूद वेतन न जारी होने पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने बुधवार को निगम प्रबंधन को आंदोलन का नोटिस थमाया था।
जिस पर हरकत में आए निगम ने गुरूवार को जुलाई व अगस्त का वेतन उपलब्ध करा दिया लेकिन सितंबर का वेतन प्रबंधन उपलब्ध कराने में नाकाम है। दिवाली के बोनस पर भी संकट कायम है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि यूनियन के अथक प्रयास के चलते दो माह का वेतन जारी हो पाया है, मगर इस वेतन से कर्मचारी पिछले तीन माह का उधार ही चुका पाएंगे, जो घरेलू व पारिवारिक खर्चों के लिए लिया गया था। दुकानों से कर्मियों ने हजारों रुपये का राशन आदि उधारी पर लिया था। ऐसे में दिवाली पर उनकी जेब में कोई राशि नहीं बचेगी। यूनियन ने प्रबंधन से सितंबर का वेतन व बोनस भी शीघ्र देने की मांग की है। वहीं, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने भी वेतन जारी होने पर प्रबंधन के प्रति आभार जताया है।
निगम कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प
परिवहन निगम अब सभी कर्मचारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव लेने की तैयारी कर रहा है। अक्षम कर्मचारियों को भी ससम्मान विदाई देने के लिए उनसे इस तरह के प्रस्ताव लिए जाएंगे। निर्धारित सीमा के भीतर मिले प्रस्तावों को अनुमति के लिए शासन को भेजा जाएगा, जहां से अनुमति मिलने पर आवेदकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
परिवहन निगम ने कुछ समय पहले शासन को 217 कर्मचारियों की सूची सौंपी थी। इनमें अक्षम और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की इच्छा रखने वाले कर्मचारियों के नाम शामिल थे। शासन ने निगम को इन कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने पर सैद्धांतिक सहमति देने के लिए इसके लिए अनुदान के रूप में धनराशि देने की बात कही। इसके साथ ही निगम को नए सिरे से एक विस्तृत प्रस्ताव भेजने को कहा, जिसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वालों की कुल संख्या और इन्हें किए जाने वाले भुगतान की विस्तृत जानकारी शामिल होगी। अब निगम सभी कर्मचारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति संबंधी प्रस्ताव आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है।निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने इसकी पुष्टि की।
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उन्होंने बताया कि शासन से बनी सहमति के क्रम में अब नए सिरे से कर्मचारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के संबंध में प्रस्ताव मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए सिरे से कवायद करने के कारण अब यह संख्या घट-बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अक्षम कर्मचारियों को भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का प्रस्ताव दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सूचना जारी कर दी जाएगी। नियत तिथि तक जितने नाम निगम के सामने आएंगे, उनकी संख्या और आने वाले खर्च का आकलन करते हुए इसे शासन को भेज दिया जाएगा।
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