Joshimath Sinking: जोशीमठ आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित, सेना ने खाली की कालोनी
Joshimath Sinking शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। दीर्घकालिक समाधान के लिए जोशीमठ का जियो टेक्निकल व जियो फिजिकल अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही हाइड्रोलाजिकल अध्ययन भी कराने का निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की से प्रस्ताव मांगा
यह भी पढ़ें : Joshimath Sinking: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जोशीमठ भूधंसाव का मामला, दाखिल हुई पीआइएल
अर्धचंद्राकार आकार में लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित
सेना ने स्वयं खाली किया आवासीय परिसर
पानी के नमूने जांच को भेजे
आपात स्थिति में एयरलिफ्ट
जल्द बनेंगे प्री-फैब्रिकेटेड घर
समिति ने की संस्तुतियां
-
भूधंसाव व दरारें पडऩे से क्षतिग्रस्त घर, होटल आदि को ध्वस्त कर हटाया जाए -
शहर की धारण क्षमता के दृष्टिगत जियो टेक्निकल व जियो फिजिकल अध्ययन कराया जाए -
जिन घरों में मामूली दरारेंं हैं, उनकी रेट्रोफिटिंग के लिए सीबीआरआइ की मदद ली जाए -
शहर के जिन क्षेत्रों में भूधंसाव व दरारें पडऩे की समस्या नहीं है, वहां भवन निर्माण को बने गाइडलाइन -
क्षेत्र में जिन स्रोतों से पानी निकल रहा है, उसके लिए हाईड्रोलाजिकल अध्ययन कराया जाए -
भवनों को पहुंची क्षति के दृष्टिगत सीबीआरआइ से इसका आकलन कराया जाए -
क्षेत्र में सिसमिक सेंसर लगाए जाएं, ताकि आसपास कहीं भी विस्फोट होने पर इसका पता चल सके -
पिछले वर्ष अगस्त में गठित विशेषज्ञ कमेटी की ड्रेनेज प्लान समेत अन्य संस्तुतियों का अनुपालन कराया जाए
विशेषज्ञों की टीम में ये थे शामिल
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।