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    हरिद्वार-दून राजमार्ग का सबसे बड़ा बॉटलनेक बना जोगीवाला

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 12 Mar 2021 07:40 AM (IST)

    हरिद्वार-दून राजमार्ग फोर लेन हो गया है। राजमार्ग पर सफर करने वालों से लच्छीवाला में टोल टैक्स भी वसूल किया जाने लगा है। पर इस राजमार्ग पर पर अभी भी सफर सौ फीसद सुगम नहीं है। हरिद्वार की तरफ से आने पर सफर का मजा तब किरकिरा हो जाएगा

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    सफर का मजा तब किरकिरा हो जाएगा, जब जोगीवाला में जाम में फंस जाएंगे।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: हरिद्वार-दून राजमार्ग फोर लेन हो गया है। राजमार्ग पर सफर करने वालों से लच्छीवाला में टोल टैक्स भी वसूल किया जाने लगा है। पर इस राजमार्ग पर पर अभी भी सफर सौ फीसद सुगम नहीं है। यदि आप हरिद्वार की तरफ से आ रहे हैं तो पूरे सफर का मजा तब किरकिरा हो जाएगा, जब जोगीवाला में जाम में फंस जाएंगे। इसी तरह हरिद्वार जा रहे हैं तो शुरुआत में ही आपके पसीने छूट जाएंगे। यहां पर जाम की एकमात्र वजह यह है कि जोगीवाला चौक राजमार्ग के हिसाब से संकरा है। वहीं पुलिस ने इसके बीचोंबीच डिवाइडर लगाकर सामान्य सड़क में तब्दील कर दिया है।

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    यूं तो जोगीवाला चौक पर जाम का झमेला अब नया नहीं रहा, मगर गुरुवार को हालात बेहद विकट हो गए थे। गेल इस क्षेत्र में गैस पाइप लाइन बिछा रहा है और बेतरतीब निर्माण के चलते सड़क की एक लेन पर काफी हद तक मलबा पड़ा है। इस पर भी सुबह के समय अचानक चौक के नीचे बह रहे नाले से पानी ओवरफ्लो हो गया। इससे आसपास जमा मलबा भी चौक पर फैल गया। इससे जोगीवाला में मोहकमपुर से लेकर कैलाश अस्पताल तक भारी जाम लग गया। पुलिस ने व्यवस्था बनाने को काफी मशक्कत की, लेकिन स्थिति नहीं सुधर पाई। जाम की यह समस्या दोपहर दो बजे तक रही।

    चौक से डिवाइडर हटाते तो कम हो सकता था जाम

    जोगीवाला चौक पर भारी जाम लगने के बाद पुलिस ने कड़ी मशक्कत की, मगर जाम से निपटने का तरीका वही पारंपरिक रहा। यदि पुलिस कुछ समय के लिए चौक के अस्थायी डिवाइडर हटा देती तो वाहनों के दबाव को बांटा जा सकता था।

    10 अतिक्रमण किए चिह्नित, हटाने का पता नहीं

    जोगीवाला चौक पर 10 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। तय किया गया था कि अतिक्रमण हटाकर चौक को चार मीटर चौड़ा किया जाएगा। हालांकि, इसके बाद कुछ नहीं किया जा सका।

    योजना नहीं चढ़ी परवान

    जोगीवाला में लगने वाले जाम को देखते हुए चौक चौड़ीकरण से पहले यहां फ्लाईओवर बनाने की योजना पर भी काम किया गया था। मार्च 2013 में शहर के अन्य फ्लाईओवर के साथ इसका भी शिलान्यास तत्कालीन बहुगुणा सरकार में किया गया था। धरातल पर काम शुरू करने के लिए खोदाई भी की गई थी। कई माह तक सड़क पर कार्यदायी संस्था ईपीआइएल के बोर्ड भी खड़े रहे और फिर एक दिन पता चला कि योजना निरस्त कर दी गई है।

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    40 करोड़ से ठिठके कदम, अब केंद्र ने बढ़ाया हाथ

    फ्लाईओवर की योजना परवान न चढऩे के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला (पहले रुड़की खंड) ने चौक चौड़ीकरण की योजना बनाई थी। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया तो पता चला कि चौड़ीकरण में महज पांच करोड़ रुपये ही खर्च होंगे, मगर जिन दुकानों आदि को हटाया जाएगा, उनके अधिग्रहण पर करीब 35 करोड़ रुपये खर्च आ रहा है। लिहाजा, वर्ष 2019 में ही शासन ने इससे हाथ खींच लिए थे। अब राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने चौड़ीकरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने जोगीवाला चौक चौड़ीकरण या फ्लाईओवर निर्माण पर सहमति दे दी है। अब कंसल्टेंसी के लिए टेंडर आमंत्रित किया जा रहा है। ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि चौक के बॉटलनेक को दूर करने के लिए कौन सी योजना उपयुक्त होगी।

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