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    JEE Advance ने इस साल भी छात्रों को चौंकाया, सरप्राइज फैक्टर रखा बरकरार, जानें- अभ्यर्थियों ने क्या कहा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Mon, 04 Oct 2021 03:03 PM (IST)

    JEE Advance में कोविड को लेकर पूरी सतर्कता दिखी। परीक्षा केंद्रों में प्रवेश से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया। छात्रों का कहना है कि ओवरआल पेपर मध्यम स्तर का था लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा मुश्किल रहा।

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    JEE Advance ने इस साल भी छात्रों को चौंकाया, सरप्राइज फैक्टर रखा बरकरार।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। JEE Advance आइआइटी में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस में कोविड-19 को लेकर पूरी सतर्कता दिखी। परीक्षा केंद्रों में प्रवेश से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि ओवरआल पेपर मध्यम स्तर का था, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा मुश्किल रहा। हर बार की तरह इस साल भी परीक्षा में सरप्राइज फैक्टर बरकरार रहा। 

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    जेईई एडवांस में अभ्यर्थियों के सामने एक बड़ा बदलाव कुल अंकों का रहा। इस बार पेपर 360 अंक का आया। इसमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री और गणित के सवाल समान अनुपात में बंटे थे। वर्ष 2017 में जेईई एडवांस 366 अंक की हुआ था। वर्ष 2018 में इसे 360 अंक कर दिया गया। जबकि 2019 में यह 372 और गत वर्ष परीक्षा 396 अंक की हुई थी। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि पेपर-1 की तुलना में पेपर-2 थोड़ा मुश्किल था।

    ओवरआल पेपर की बात करें तो भौतिकी व रसायन विज्ञान मध्यम स्तर का था, जबकि गणित तुलनात्मक रूप से थोड़ा कठिन था। रसायन विज्ञान के सेक्शन को उन्होंने संतुलित बताया है, जिसमें कक्षा 11 और 12 से समान रूप से प्रश्न पूछे गए थे। इनआर्गेनिक कैमिस्ट्री में एनसीईआरटी से सवाल पूछे गए थे। फिजिकल कैमिस्ट्री में अनुमापन, इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री, थर्मोडायनामिक्स आदि के प्रश्न शामिल थे।

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    वहीं, आर्गेनिक कैमिस्ट्री में ज्यादातर सवाल एमाइन्स, बायोमोलेक्यूल्स, आक्सीजन युक्त कंपाउंड्स आदि से पूछे गए। भौतिकी में ज्यादा प्रश्न ग्यारहवीं कक्षा से पूछे गए थे। इनमें करंट इलेक्ट्रिसिटी, आप्टिक्स, रोटेशन, माडर्न फिजिक्स आदि के प्रश्न शामिल रहे। गणित में प्रश्न ट्रिकी व मुश्किल थे। बल्कि यह सेक्शन ज्यादा लंबा भी था। परीक्षा विशेषज्ञ और अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के अनुसार अनारक्षित वर्ग के लिए 35 फीसद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 30 फीसद व अनुसूचित जाति-जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 15 फीसद तक की कटआफ मान रहे हैं।

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