देहरादून के जौनसार में बिरुड़ी पर्व, लोक नृत्य के साथ दीवाली मनाने का अनूठा उत्सव
विकासनगर के जौनसार बावर में पांच दिवसीय दीपावली उत्सव मनाया जा रहा है। चिल्हाड़ गांव में बिरुड़ी पर्व के दौरान महिलाओं ने सामूहिक नृत्य किया और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। जौनसारी जनजाति अपनी संस्कृति के अनुसार त्योहार मनाती है और प्रदूषण रहित दिवाली का जश्न मनाती है। यह पर्व सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।

बिरुड़ी पर्व में स्थानीय महिलाओं ने सामूहिक रूप से नृत्य किया। जागरण
जागरण संवाददाता, विकासनगर (देहरादून) । जौनसार बावर में पांच दिवसीय दीपावली में चिल्हाड़ गांव के पंचायती आंगन में बिरुड़ी का परंपरागत तरीके से जश्न मनाया गया। सामाजिक सौहार्द एवं आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाले बिरुड़ी पर्व में स्थानीय महिलाओं ने सामूहिक रूप से नृत्य किया। एक दूसरे को अखरोट एवं धान की चिवड़ा मूडी भेंट कर दिवाली की शुभकामनाएं दी।
स्थानीय महिलाओं ने पंचायती प्रांगण में एकत्र होकर ढोल दमाऊ के साथ तांदी नृत्य की प्रस्तुति से बिरुडी मनाई। पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ पंचायती आंगन लोक नृत्य से गुलजार हो गया। जौनसार बावर में लोग बिना आतिशबाजी के प्रदूषण रहित ईको फ्रेंडली दिवाली का परंपरागत जश्न मनाते हैं।
जौनसार बावर के लोगों ने दीपावली में पटाखों की गूंज व आतिशबाजी से फैलने वाले प्रदूषण से बचाव को समाज में मिसाल पेश की है। क्षेत्र के सौ गांवों में दिवाली का परंपरागत जश्न बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। जौनसारी जनजाति के लोग परंपरागत संस्कृति के तहत तीज त्योहार मनाते हैं। पर्व पर अपने जौनसारी पहनावे में महिलाएं सामूहिक रूप से नृत्य कर खुशियां मनाती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।