Uttarakhand News: बदहाल मार्ग पर सफर करना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती, शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
जौनसार के दो दर्जन गाँवों को जोड़ने वाली दावापुल-जोगियो-मिंडाल सड़क की हालत खस्ताहाल है जिससे ग्रामीण जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। कई वर्षों से समस्या झेल रहे ग्रामीणों ने सरकार से सड़क सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग की है। सड़क की खराब हालत के कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था जिससे शासन प्रशासन के प्रति उनकी नाराजगी साफ़ झलकती है।

संवाद सूत्र जागरण, त्यूणी। जौनसार के करीब दो दर्जन गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने वाले दांवापुल-जोगियो-मिंडाल मार्ग की हालत बेहद खराब है। बदहाल मार्ग पर आवाजाही लोगों के लिए बड़ी चुनौती है। सैकड़ों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। पिछले कई वर्षों से मुसीबत झेल रहे ग्रामीणों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्थानीय लोगों ने सरकार से सड़क सुधारीकरण एवं डामरीकरण की फिर ये मांग उठाई है।
पहाड़ में सड़कों की हालत खराब होने से दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। चकराता के पास बने दांवापुल-मिंडाल-जोगियो मार्ग क्षेत्र के कई गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ता है। स्थानीय लोगों की माने तो करीब 25 वर्ष पूर्व बने इस मार्ग की बदहाल सूरत नहीं बदली। सड़क कटिंग के बाद से मार्ग का डामरीकरण कार्य नहीं होने से लोगों को आवाजाही में बड़ी परेशानी हो रही है।
विभाग की उदासीनता से बदहाल पड़े इस मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे होने से लोग हिचकोले खा रहे हैं। सड़क का डामरीकरण एवं सुधारीकरण कार्य नहीं होने से नाराज इस मार्ग से जुड़े 12 गांवों के सैकड़ों लोगों ने वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। यहां के छह मतदान केंद्रों में कोई भी ग्रामीण मतदाता वोट डालने नहीं गया। जिससे शासन प्रशासन के प्रति लोगों की नाराजगी पता चलती है।
जीएमएस से सेवलाकलां जाने वाले मार्ग पर लगा लंबा जाम। जागरण
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सामाजिक कार्यकर्ता बचना शर्मा, मोहन सिंह नेगी, ओम प्रकाश, मातवर सिंह नेगी, सूरत सिंह, लाखीराम, बलवीर सिंह आदि ने कहा बीस किमी से अधिक लंबे इस मार्ग की वर्तमान हालत बेहद खराब है। मार्ग की बदहाली के चलते यहां कई बार लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। बावजूद इसके
विभाग व प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे। स्थानीय लोगों ने कहा विभाग ने सड़क कटिंग के बाद से इस मार्ग की कोई सुध नहीं ली। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने से कोई सुनवाई नहीं हो रही। सामाजिक कार्यकर्ता बचना शर्मा ने सड़क की बदहाली को लेकर विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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उन्होंने सरकार से लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। साथ ही मार्ग के सुधारीकरण एवं डामरीकरण की माँग की। जिससे सीमांत क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा रहे। इस मार्ग से जुड़े जनजातीय क्षेत्र के सैकड़ों किसान खेतों से अपनी कृषि उपज बेचने को विकासनगर व देहरादून मंडी ले जाते हैं। खस्ताहाल मार्ग की वजह से लोग मुसीबत झेल रहे हैं।
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