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    यहां पूजा होते देख अंग्रेजों ने खुश होकर दी शिवालय के लिए जमीन

    By BhanuEdited By:
    Updated: Mon, 17 Jul 2017 05:19 PM (IST)

    देहरादून के पलटन बाजार स्थित श्री जंगम शिवालय की स्थापना करीब 180 साल पहले हुई थी। यहां जब अंग्रेजों ने पूजा होते देखी तो खुश हुए और शिवालय के लिए उन्होंने जमीन उपलब्ध कराई।

    यहां पूजा होते देख अंग्रेजों ने खुश होकर दी शिवालय के लिए जमीन

    देहरादून, [जेएनएन]: देहरादून के पलटन बाजार स्थित श्री जंगम शिवालय की स्थापना करीब 180 साल पहले हुई थी। यहां जब अंग्रेजों ने पूजा होते देखी तो खुश हुए और शिवालय के लिए उन्होंने जमीन उपलब्ध कराई। इस शिवालय को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी संचालित करता है। 

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    मंदिर का इतिहास

    करीब 180 साल पहले लिंगायत शैव संप्रदाय में दीक्षित जंगम बाबा ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। जंगम बाबा की पूजा पाठ को देखते हुए अंग्रेज काफी खुश हुए थे और एक बीघा जमीन उन्हें मंदिर के लिए दे दी थी। 

    बाबा के नाम पर ही इस शिवालय का नाम श्री जंगम शिवालय पड़ा। मान्यता है कि श्री टपकेश्वर महादेव के जलाभिषेक करने के बराबर ही यहां फल मिलता है। 

    मंदिर की विशेषता 

    जंगम शिवालय में हर दिन भगवान शिव के जलाभिषेक को भक्त पहुंचते हैं। लेकिन, श्रावण मास में भक्तों की संख्या में इजाफा होता है और तड़के से ही भीड़ उमड़ने लगती है। श्रावण के हरेक सोमवार को शिव की विशेष पूजा और रुद्राभिषेक किया जाता है। 

    भक्तों की होती है मुराद पूरी 

    जंगम शिवायलय के महंत मायागिरी महाराज के मुताबिक श्री टपकेश्वर महादेव की तरह ही श्री जंगम शिवालय के प्रति भी श्रद्धालुओं में अपार आस्था है। भगवान शिव भक्तों की हर मुराद को पूरी करते हैं। 

    मिनी टपकेश्वर के नाम से प्रचलित 

    श्री टपकेश्वर महादेव  सेवादल के अध्यक्ष गोपाल कुमार गुप्ता के अनुसार श्रावण ही नहीं प्रत्येक दिन श्रद्धालु यहां महादेव का जलाभिषेक करते हैं। यह शिवालय ऐतिहासिक है और श्रद्धालु इसे मिनी टपकेश्वर भी कहते हैं। 

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