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    जेलों में आनलाइन सुनवाई को तैयार हो रहे साउंड प्रूफ कक्ष, गृह विभाग ने जारी किया बजट

    उत्तराखंड की जेलों में ऑनलाइन सुनवाई को सुव्यवस्थित करने के लिए साउंड प्रूफ कक्ष बनाए जा रहे हैं। इससे एक ही दिन में कई सुनवाइयां बिना बाधा के हो सकेंगी । देहरादून हरिद्वार और सितारगंज जैसी प्रमुख जेलों में छह से सात कक्ष बनेंगे जिसमें लगभग 70 लाख रुपये का खर्च आएगा। गृह विभाग ने बजट जारी कर दिया है।

    By Vikas gusain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 03 Jul 2025 08:09 PM (IST)
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    जेलों में आनलाइन सुनवाई को तैयार हो रहे साउंड प्रूफ कक्ष। प्रतीकात्‍मक

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । प्रदेश की जेलों में कैदियों की आनलाइन शुरू हो चुकी है। अब गृह विभाग इन आनलाइन सुनवाई को और अधिक व्यवस्थित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए जेलों में आनलाइन सुनवाई के लिए साउंड प्रूफ कक्ष बनाए जा रहे हैं। जिससे की एक ही दिन एक से अधिक सुनवाई होने की स्थिति में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।

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    उत्तराखंड में कुल 13 जेल हैं। इनमें इस समय 5500 से अधिक कैदी बंद हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे बंदियों की है जिनकी विभिन्न मुकदमों में अभी तक सुनवाई जारी है। कोरोना काल के प्रदेश प्रदेश की तकरीबन हर जेल में आनलाइन सुनवाई का कार्य शुरू हो गया है। इससे जेल प्रशासन को कैदियों को बार-बार अदालत लाने व ले जाने की अनिवार्यता से काफी राहत मिली है।

    साथ ही इससे कैदियों के सुनवाई के लिए अदालत ले जाते हुए भागने की आशंका भी तकरीबन समाप्त हो चुकी है। जेलों में आनलाइन सुनवाई के दौरान एक समस्या सबसे अधिक आ रही थी और वह समस्या थी एक ही तारीख को एक से अधिक सुनवाई होने की। इसके लिए कैमरों की संख्या तो बढ़ाई गई लेकिन एक ही कमरा होने के कारण सुनवाई का कार्य बाधित हो रहा था।

    इसे देखते हुए जेलों में कैदियों की सुनवाई के लिए अब व्यवस्था में बदलाव जा रहा है। पहले चरण में प्रदेश की प्रमुख जेल यानी देहरादून, हरिद्वार, सितारगंज आदि में एक से अधिक छोटे-छोट साउंडप्रूफ कक्ष बनाए जा रहे हैं। हर जेल में इस तरह के छह से लेकर सात कक्ष बनाए जाने प्रस्तावित हैं।

    प्रत्येक जेल में इस तरह के कक्ष बनाने में तकरीबन 70 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए गृह विभाग ने जेलों को प्रारंभिक बजट जारी कर दिया है। साथ ही नीति आयोग से भी जेलों के उच्चीकरण के लिए बजट का अनुरोध किया गया है।

    सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि जेलों में सुनवाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।