Updated: Thu, 08 Aug 2024 09:14 PM (IST)
Uttarakhand Jail जानकारी के लिए बता दें कि जेल प्रशासन कुछ समय पूर्व शासन को नई जेल बनाने का प्रस्ताव सौंप चुका है। अब शासन पहले से ही चिह्नित स्थानों पर जेल बनाने और जेल बनने के बाद कार्मिकों की तैनाती व अन्य खर्चों को लेकर मंथन कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसके निर्देश दे चुके हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश की जेलों में कैदियों की लगातार बढ़ रही संख्या के बावजूद नई जेलों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इन जेलों के लिए भूमि तो चिह्नित हो चुकी है, लेकिन इनके लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। अब जेलों में कैदियों की सुविधाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में नई जेल बनाने की तैयारी है। इसके लिए अनुपूरक बजट में इनके निर्माण के लिए बजट मांग करने पर विचार चल रहा है।
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पूरे प्रदेश में 11 जेल हैं
प्रदेश में 11 जेल हैं। इनमें एक केंद्रीय जेल, सात जिला जेल, दो उप जेल व एक खुली जेल शामिल हैं। इन सभी जेलों में कैदियों को रखने की कुल क्षमता 3741 है। इस समय इन जेलों में क्षमता से कहीं अधिक, यानी लगभग 7000 कैदी बंद हैं। इनमें सिद्ध दोष कैदी और विभिन्न आरोपों में मुकदमों का सामना करने वाले कैदी भी शामिल हैं।
नई जेल की पड़ने लगी है जरूरत
जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण इन्हें रखने में काफी परेशानियां भी हैं। साथ ही इन्हें सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। महिला कैदियों को इससे काफी परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए नई जेलों को बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। यद्यपि, इस पर विचार लंबे समय से चल रहा था, लेकिन कैदियों की सुविधाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब इस विषय ने एक बार फिर तेजी पकड़ी है।
जेल प्रशासन कुछ समय पूर्व शासन को नई जेल बनाने का प्रस्ताव सौंप चुका है। अब शासन पहले से ही चिह्नित स्थानों पर जेल बनाने और जेल बनने के बाद कार्मिकों की तैनाती व अन्य खर्चों को लेकर मंथन कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसके निर्देश दे चुके हैं। ऐसे में अब गृह विभाग इन जेलों के निर्माण के लिए अनुपूरक बजट में बजट मांग की तैयारी कर रहा है।
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