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    Jagran Samvadi 2025: जागरण संवादी का समापन समारोह, राज्यपाल ने दैनिक जागरण के ‘हिंदी हैं हम’ अभियान को सराहा

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 10:58 PM (IST)

    Jagran Samvadi 2025 | उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने दैनिक जागरण के ‘हिंदी है हम’ अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय संवादी कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि संवादी कार्यक्रम विचारों का मंथन ही नहीं संवेदनाओं की साझेदारी है। उन्होंने दैनिक जागरण के हिंदी के ध्वजवाहक के रूप में किए गए प्रयास को भारतीयता और राष्ट्रीयता का प्रतिबिंब बताया।

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    भारतीयता और राष्ट्रीयता का प्रतिबिंब है जागरण संवादी- राज्यपाल गुरमीत सिंह।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। संवादी कार्यक्रम विचारों का मंथन ही नहीं संवेदनाओं की साझेदारी है। संवादी साहित्य, संस्कृति और कला का अनूठा संगम और आत्माओं के बीच का संवाद बन चुका है। दैनिक जागरण की इस पहल काे सराहते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने दैनिक जागरण परिवार को शुभकामनाएं दीं।

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    उन्होंने हिंदी के ध्वजवाहक के रूप में दैनिक जागरण के इस प्रयास को भारतीयता और राष्ट्रीयता का प्रतिबिंब बताया। राज्यपाल ने कहा कि हिंदी देश को एकता के सूत्र में पिरोती है, हिंदी हृदय और अंतरात्मा की भाषा है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के प्राण उसके साहित्य में समाहित होते हैं। साहित्य के बिना राष्ट्र का कोई मूल्य नहीं।

    रविवार को फेयरफील्ड बाय मैरियट में दैनिक जागरण के ‘हिंदी है हम’ अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय संवादी कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने सबसे पहले हिंदी शब्दकोष में नए जोड़ी जा रही शब्दमाला पर तैयार पुस्तक 'शब्दार्थ' का विमोचन किया। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने संवादी के 13 सत्रों के लिए चुने गए विषयों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को छूते हुए आयोजन में मंथन और चिंतन किया गया।

    उन्होंने इस दो दिवसीय आयोजन में हुए विचारों के मंथन को राष्ट्रहित में समाधान की ओर ले जाने का आह्वान किया। दैनिक जागरण की ओर से विषय विशेषज्ञों, प्रबुद्धजनों व आम जनमानस के बीच सेतु का कार्य किया गया। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि सभ्यता, संस्कृति और विरासत को बचाने और इसे आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हों।

    उन्होंने कहा कि जहां चिंतन-मनन होता है, वहां समाधान भी जरूर निकलता है। संवादी कार्यक्रम ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अलख जगाई है। राज्यपाल ने कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है और हमारी संस्कृति, संस्कारों की वाहक है।

    इस अवसर पर मंच पर दैनिक जागरण के राज्य संपादक मनोज कुमार झा व महाप्रबंधक अनुराग गुप्ता भी उपस्थित रहे। मंच का संचालन दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने किया।

    डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया की बढ़ी विश्वसनीयता

    राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल क्रांति के युग में सूचनाओं का प्रसार बढ़ा है। हालांकि, डिजिटल माध्यम से प्राप्त सूचनाओं की विश्वसनीयता नहीं है। ऐसे दौर में प्रिंट मीडिया की भूमिका और विश्वसनीयता बढ़ी है। दैनिक जागरण वर्षों से इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। प्रिंट मीडिया आने वाले समय में और सशक्त होगा।

    सूर्य उदय की तरह ज्ञान का प्रकाश फैलाता है दैनिक जागरण

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले समाचार पत्र दैनिक जागरण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हर सुबह सूर्य उदय होने के साथ चारों ओर प्रकाश फैलता है, उसी प्रकार दैनिक जागरण प्रत्येक सुबह ज्ञान का प्रकाश चारों ओर प्रसारित करता है। उन्होंने जागरण परिवार को राष्ट्रीयता, भारतीयता के साथ ही रचनाशील व विचारशील होकर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने के लिए शुभकामनाएं दीं।

    राज्यपाल के पांच आह्वान-

    • राष्ट्र सर्वोपरि
    • एकता एवं अखंडता
    • हमारी पहचान
    • वर्ष 2047 तक विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत व विश्वगुरु भारत
    • अर्थव्यवस्था और तकनीकी सशक्तीकरण

    युवाओं से उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत बचाने की अपील

    राज्यपाल ने मंच से समूचे उत्तराखंड के युवाओं से प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और संवारने की अपील की। उन्होंने भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्कृति और परंपराओं का ध्वजवाहक बनने का भी आह्वान किया।