नए कलेवर में निखरेगा जागेश्वर, बदरी-केदारनाथ धाम की तर्ज पर बनेगा मास्टर प्लान
जागेश्वर अब नए रूप में दिखेगा। बदरी-केदारनाथ धाम की तरह ही यहां भी मास्टर प्लान बनाया जाएगा। इस योजना के तहत जागेश्वर को और भी सुंदर और आकर्षक बनाया ज ...और पढ़ें

दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व उत्तराखंड पर्यटन के मध्य बैठक में बनी एमओयू पर सहमति। आर्काइव
राज्य ब्यूरो, देहरादून। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर अल्मोड़ा जिले में स्थित प्रसिद्ध जागेश्वर धाम भी मास्टर प्लान के अनुरूप नए कलेवर में निखरेगा। मंदिर परिसर के पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व को पूरी तरह से संरक्षित रखते हुए जागेश्वर धाम गंतव्य विकास योजना धरातल पर उतरेगी। इस सिलसिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) और उत्तराखंड सरकार के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होगा।
एआएसआइ और उत्तराखंड पर्यटन विभाग के उच्चाधिकारियों की बुधवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। यह एमओयू न केवल जागेश्वर बल्कि दांडेश्वर, कटारमल सूर्य मंदिर, बैजनाथ मंदिर व गोविंदघाट के विकास में भी मददगार होगा।
नई दिल्ली में धरोहर भवन में उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी जागेश्वर धाम गंतव्य विकास योजना के तहत चल रहे कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से यह उच्च स्तरीय समन्वय बैठक हुई। इसमें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के मध्य समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। कहा गया कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का उन्नयन एक महत्वपूर्ण संतुलन है। यह स्थायी पर्यटन के लिए जरूरी है।
इस अवसर पर जागेश्वर धाम गंतव्य विकास योजना के तहत सार्वजनिक सुविधाओं और तीर्थाटन से जुड़े बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, भीड़ प्रबंधन प्रणाली को अधिक सुदृढ़ करने, बाढ़ शमन से संबंधित जरूरतों को पूरा करना, मंदिर परिसर के भीतर सुधार कार्य, सार्वजनिक उपयोगिता सुविधाओं के विकास, आवागमन व परिसंचरण अवसंरचना, रिवर फ्रंट विकास जैसे बिंदुओं पर विमर्श हुआ। तय किया गया कि इन कार्यों का क्रियान्वयन चरणबद्ध ढंग से होगा और एएसआइ के संरक्षण मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच अनौपचारिक चर्चा से आगे बढ़कर एक संरचित समझौते पर पहुंचने पर जोर दिया गया। इसी क्रम में निर्णय लिया गया कि प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और समय पर निष्पादन को सक्षम बनाने के लिए एएसआइ व राज्य सरकार के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया जाएगा। इसके तहत राज्य के महत्वपूर्ण विरासत स्थलों के नियोजित विकास में भी लाभ मिलेगा।
बैठक में शामिल हुए राज्य के पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि यह एमओयू राज्यभर में समान सांस्कृतिक महत्व वाले अन्य गंतव्यों के विकास के लिए मिसाल कायम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पर्यटन विभाग राज्य में स्थायी विरासत संरक्षण, बेहतर तीर्थयात्री सुविधाओं और जिम्मेदार पर्यटन विकास सुनिश्चित करने के लिए एएसआइ के साथ सहयोगात्मक योजना के लिए प्रतिबद्ध है।

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