IVF Age Limit: दस्तावेजों में बढ़ाई जाएगी महिलाओं के लिए आईवीएफ की उम्र, स्वास्थ्य विभाग जल्द लाएगा कैबिनेट में प्रस्ताव
उत्तराखंड में आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण के लिए महिलाओं की आयु सीमा बढ़ाकर 50 वर्ष और पुरुषों की 55 वर्ष की जा रही है। पुरानी नियमावली के कारण महिला कर्मचारियों को प्रतिपूर्ति मिलने में दिक्कत हो रही थी। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगा। यह सुविधा प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में अब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) तकनीक से गर्भधारण के लिए महिलाओं की आयुसीमा बढ़ने जा रही है। यह आयु अब 50 वर्ष की जा रही है। वहीं, इसके लिए सहयोग देने वाले पुरुषों की आयु 55 वर्ष करने की तैयारी है।
यद्यपि, प्रदेश के अस्पतालों में इसी आधार पर महिलाओं को गर्भधारण भी कराया जा रहा है लेकिन विभागीय दस्तावेजों में वर्ष 2021 में तय की गई यह आयु सीमा दर्ज नहीं हो पाई थी। इससे कई महिला कार्मिकों को इस पद्धति से इलाज के लिए प्रतिपूर्ति नहीं मिल पा रही थी।
प्रदेश में केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार ही आइवीएफ पद्धति से गर्भधारण कराया जाता है। यह कार्य प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों के सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है। राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में आइवीएफ पद्धति से किए जा रहे इलाज की प्रतिपूर्ति वर्ष 2012 में बनाई गई नियमावली के अनुसार ही की जा रही है। इस नियमावली में महिला कार्मिक के आइवीएफ पद्धति से इलाज के लिए 39 वर्ष की आयु सीमा तय की गई है। वहीं पुरुषों के लिए यह आयु 50 वर्ष है।
हाल ही में वित्त विभाग ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिपूर्ति के दावों का अध्ययन करते हुए 39 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं की प्रतिपूर्ति पर सवाल उठाए। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब उम्र के मानकों में बदलाव कर रहा है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार का कहना है कि जल्द ही इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
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