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आइटीआइ के कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, दस सितंबर तक काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोध; जानें-क्या है मांग

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) कर्मचारी संघ ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है। 10 सितंबर तक आइटीआइ के आठ सौ कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 06:00 AM (IST)
आइटीआइ के कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, दस सितंबर तक काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोध; जानें-क्या है मांग
आइटीआइ के कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, दस सितंबर तक काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोध; जानें-क्या है मांग

देहरादून, जेएनएन। मांगें पूरी ना होने से नाराज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) कर्मचारी संघ ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है। 10 सितंबर तक आइटीआइ के आठ सौ कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे। उन्होंने आोप लगाया कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है?   

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बुधवार को संघ ने कौशल विकास और सेवायोजन विभाग के निदेशक राजेश कुमार को ज्ञापन दिया, जिसमें संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रकाश जोशी ने बताया कि आइटीआइ कर्मचारी की छह सूत्रीय मांगों पर लंबे समय से कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि कर्मचारी संघ ने इस संबंध में विभाग के निदेशक को बीते 19 अगस्त को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला, जिसे विरोध में 22 अगस्त से असहयोग आंदोलन शुरू किया गया।

इसके बाद भी शासन नहीं माना तो कर्मचारियों ने आइटीआइ दाखिले में सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया। जिस पर विभाग के निदेशक ने कर्मचारी संघ को 27 अगस्त को फिर से वार्ता के लिए बुलाया। लेकिन इस दौरान संघ प्रतिनिधिमंडल की निदेशक से मुलाकात नहीं हो पाई। आइटीआइ कर्मचारी संघ के महामंत्री पंकज सनवाल ने बताया कि ज्ञापन में शासन को 10 सितंबर तक का समय दिया गया है। अगर इस अवधि तक मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो वे 11 सितंबर से आंदोलन शुरू कर देंगे।

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निदेशक के समक्ष ये मांगें रखी 

आइटीआइ कर्मचारियों के सेवाहितों पर शासन स्तर पर समीक्षा हो। विभाग के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप न हो और कोई भी फैसले सीधे शासन स्तर पर न लिए जाएं। विभागीय स्तर पर कार्यदेशक के रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्रवाई अतिशीघ्र हो। कर्मचारियों को विभाग की वार्षिक गोपनीय चरित्र प्रविष्टि (एसीआर) मान्य नहीं है। कर्मचारियों को सत्रांत लाभ दिया जाए। विभाग में मृतक आश्रित लाभ को दोबारा शुरू किया जाए।

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