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    हिमवीरों की थाली का जायका बढ़ाएगी सीमावर्ती गांवों की तरकारी, चीन और नेपाल सीमा से सटे 91 गांव शामिल

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 06:55 AM (IST)

    उत्तराखंड औद्यानिक परिषद और आइटीबीपी जल्द ही एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जिससे चीन और नेपाल सीमा से लगे गांवों में उगाए गए फल और सब्जियां आइटीबीपी को मिलेंगी। पहले से चल रही भेड़-बकरी और मछली आपूर्ति के बाद अब फल-सब्जी भी शामिल की जाएंगी जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और पलायन रोकने में मदद मिलेगी। सरकार वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत गांवों को विकसित कर रही है।

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    हिमवीरों की थाली का जायका बढ़ाएगी सीमावर्ती गांवों की तरकारी। प्रतीकात्‍मक

    आइटीबीपी को अब फल-सब्जी की आपूर्ति भी करेंगे चीन व नेपाल सीमा से सटे गांवों के लोग

    उत्तराखंड औद्यानिक परिषद और आइटीबीपी जल्द ही इस सिलसिले में मिलाएंगे हाथ

    केदार दत्त, जागरण देहरादून । चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के गांवों में उत्पादित फल-सब्जी अब हिमवीरों की थाली का जायका भी बढ़ाएगी। इस सिलसिले में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और उत्तराखंड औद्यानिकी परिषद जल्द ही समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेंगे। इसके मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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    आइटीबीपी को सीमावर्ती गांवों से भेड़-बकरी, मछली व कुक्कुट की आपूर्ति के बेहतर परिणाम के बाद अब यह कदम उठाया जा रहा है। इससे जहां आइटीबीपी को ताजी सब्जियां व फल उपलब्ध होंगे, वहीं किसानों को गांव में ही बाजार मिलने से उनकी आर्थिकी और सशक्त होगी। यह पहल सीमावर्ती गांवों से पलायन थामने में भी मददगार साबित होगी।

    सीमावर्ती गांवों को प्रथम गांव मानते हुए केंद्र सरकार इन्हें सरसब्ज बनाने पर विशेष जोर दे रही है। इस क्रम में केंद्र के महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज (जीवंत ग्राम) कार्यक्रम में उत्तराखंड के चीन और नेपाल सीमा से सटे 91 गांवों को शामिल किया गया है।

    इसके तहत गांवों को संवारने को कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आजीविका विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को गांव के नजदीक ही बाजार उपलब्ध कराने के लिए आइटीबीपी व सेना की मदद ली जा रही है।

    अब आइटीबीपी को सीमावर्ती गांवों से फल-सब्जी की आपूर्ति के दृष्टिगत आइटीबीपी और उत्तराखंड औद्यानिकी परिषद के मध्य लगभग सहमति बन गई है। परिषद के सीईओ डा नरेंद्र यादव के अनुसार जल्द ही आइटीबीपी के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में आइटीबीपी को होने वाली फल-सब्जी की कुल आपूर्ति का 25 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराया जाएगा।

    धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर शत-प्रतिशत तक ले जाया जाएगा। फल-सब्जी की आपूर्ति के दृष्टिगत अभी तक 100 से ज्यादा समूहों से बातचीत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस पहल में परिषद समन्वयक की भूमिका निभाएगी। किसानों को समय पर फल-सब्जी के दाम का भुगतान 10 दिन के भीतर हो जाए, इसके लिए रिवाल्विंग फंड से धनराशि दी जाएगी।

    वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल गांव

    • जिला, संख्या
    • पिथौरागढ़, 51
    • चमोली, 14
    • चंपावत, 11
    • उत्तरकाशी, 10
    • ऊधम सिंह नगर, 05

    11190 किसानों को मिल रहा लाभ

    वर्तमान में सीमावर्ती गांवों के 11190 किसान आइटीबीपी को भेड़-बकरी, मछली व कुक्कुट की आपूर्ति कर रहे हैं। इसमें 30 प्राथमिक भेड़ बकरी सहकारी समितियों और ग्राम स्तर पर गठित प्राथमिक समितियों के माध्यम से 10,000 पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें सात हजार महिलाएं हैं। कुक्कुट की आपूर्ति से 740 कुक्कुट पालकों और 40 समितियों के माध्यम से 450 मछली पालकों को लाभ मिला है।