उत्तराखंड में सड़कों के दोनों ओर नालियां बनाना होगा जरूरी, इससे सड़कें जल्दी नहीं होंगी खराब
प्रदेश में बनने वाली नई सड़कों के दोनों ओर नालियां बनाना अनिवार्य होगा। इससे बरसात का पानी सड़कों पर न आकर इन नालियों के जरिये बह जाएगा। इससे सड़कें ज ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में बनने वाली नई सड़कों के दोनों ओर नालियां बनाना अनिवार्य होगा। इससे बरसात का पानी सड़कों पर न आकर इन नालियों के जरिये बह जाएगा। इससे सड़कें जल्दी खराब नहीं होंगी और इनकी उम्र भी बढ़ेगी। लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने इस व्यवस्था को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में सड़कें ही आवाजाही का मुख्य जरिया हैं। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अधीन 37 हजार किमी लंबी सड़कें हैं। इनमें 27,807 किमी पक्के मोटर मार्ग तथा 9511 किमी कच्चे मोटर मार्ग हैं। विभाग का मुख्य कार्य जनसामान्य को मोटर व संपर्क मार्ग की सुविधा उपलब्ध कराना है। अमूमन यह देखने में आता है कि विभाग सड़कें तो बनाता है, लेकिन कई मर्तबा तो ये पहली बरसात भी नहीं झेल पातीं। विभागीय लापरवाही और सीमित बजट के कारण इन सड़कों का रखरखाव सही तरीके से नहीं हो पाता। ऐसे में गड्ढायुक्त सड़कों पर चलना तक दुभर हो जाता है।
सड़कों के खराब होने के पीछे जो सबसे अहम कारण सामने आया है, वह बरसात का पानी है। दरअसल, पर्वतीय क्षेत्रों में बरसात के दौरान पानी सड़कों के उपर से ही बहता है। पानी जमा होने से डामर उखड़ने लगता है तो सड़कें कटने और टूटने लगती हैं। हाल में ही लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभालने के बाद विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की बदहाल सड़कों को लेकर नाराजगी भी जताई थी। इसके कारणों पर विभागीय बैठक में चर्चा की गई, तब यह बात सामने आई कि पानी की निकासी का पुख्ता इंतजाम न होने से बरसात का पानी सड़कों के साथ-साथ नीचे की ओर बहता है। इससे सड़कें खराब होती हैं। इस पर लोक निर्माण विभाग मंत्री ने मैदानी क्षेत्र में सड़कों के दोनों तरफ और पर्वतीय क्षेत्रों में मार्ग के हिसाब से दोनो ओर अथवा एक तरफ नाली बनाना अनिवार्य करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इसे टेंडर की शर्तों में भी शामिल किया जाए।
लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सड़कों के दोनों और नालियां बनने से पानी के बहाव से सड़कों के कटाव को रोका जा सकता है। इसलिए विभाग को यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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