सूर्य के रहस्य उजागर करेगा इसरो, यह उपग्रह करेगा सूर्य का अध्ययन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंगलयान परीक्षण में सफलता अर्जित कर ली है। अब इसरो सूर्य के रहस्यों को उजागर करने की तैयारी कर रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एएस किरन कुमार ने कहा कि इसरो ने मंगलयान परीक्षण में सफलता अर्जित कर ली है। अब इसरो सूर्य के रहस्यों को उजागर करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि 'आदित्य एल-1' नामक उपग्रह सूर्य का अध्ययन करेगा। कहा कि यह योजना वर्ष 2019 में परवान चढ़ेगी।
राजभवन में सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय 'टॉपर्स कॉन्क्लेव' के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य वक्ता इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एएस किरन कुमार ने संबोधित किया। इस दौरान 'राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शोध की भूमिका' विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने छात्र-छात्राओं को असफलताओं से सीख लेते रहने को कहा। भारतीय अंतरिक्ष अभियान के प्रारंभिक दिनो की चुनौतियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि असफलताओं के बावजूद दृढ़ निश्चय एवं लगन के बूते भारत के वैज्ञानिकों ने अलग मुकाम हासिल किया।
साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहायक सिद्ध हुई। प्रो. कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान में चंद्रयान, मंगलयान और सैटेलाइट लांच ने भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग मानवता की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। आज भारतीय उपग्रहों के माध्यम से मौसम, कृषि, नेविगेशन, टेली कम्युनिकेशन के क्षेत्र में क्रांति आई है।
प्रो. किरन कुमार ने छात्रों को लर्निग, अनलर्निग और रिलर्निग के बारे में बताया। इस दौरान राज्यपाल डॉ. केके पाल, विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत और प्रदेश के सभी विवि के कुलपति उपस्थित रहे। आपदाओं को लेकर हो शोध: राज्यपाल राज्यपाल डॉ. केके पाल ने कहा कि टॉपर्स कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में 'ऐकेडमिक एक्सीलेंस' का वातावरण विकसित करना है।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाएं हमेशा आती हैं, इसे देखते हुए इस क्षेत्र में अधिक से अधिक शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह कॉन्क्लेव प्रतिभागी टॉपर्स छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है। कॉन्क्लेव के व्याख्यानों को एक किताब के रूप में प्रकाशित कर कॉलेजों एवं विवि में भेजा जाएगा। कहा कि शिक्षा व्यवस्था समकालीन होने के साथ-साथ भविष्योन्मुखी भी हो। छात्र-छात्राओं को स्मार्ट कैंपस के साथ-साथ स्मार्ट विलेज का ध्वजवाहक बनना होगा।
इसरो का नया मिशन 'आदित्य एल-1' इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रो.एएस किरन कुमार ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलयान परीक्षण में सफलता अर्जित कर ली है। अब इसरो की अगली नजर सूर्य पर है। इसरो सूर्य से जुड़े रहस्यों को पता लगाने के लिए 'आदित्य एल-1' नामक मिशन से उपग्रह की मदद से सूर्य पर आने वाले वर्षो में अध्ययन करेगा। उपग्रह को वर्ष 2019 में लॉन्च किया जाएगा। अभी तक अमेरिका, यूरोप के कुछ देश और जापान ही सूर्य के समीप उपग्रह स्थापित कर चुके हैं।
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