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विश्व मधुमेह जागृति दिवस: अनियमित दिनचर्या-खानपान ने बढ़ाया बीमारी का बोझ, इन बातों का रखें खास ध्यान

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में भी मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग में यह बात उजागर हुई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:29 AM (IST)
विश्व मधुमेह जागृति दिवस: अनियमित दिनचर्या-खानपान ने बढ़ाया बीमारी का बोझ, इन बातों का रखें खास ध्यान
विश्व मधुमेह जागृति दिवस: अनियमित दिनचर्या-खानपान ने बढ़ाया बीमारी का बोझ, इन बातों का रखें खास ध्यान

देहरादून, जेएनएन। खराब जीवन शैली और अंसतुलित खानपान मधुमेह को न्योता दे रहा है। शहरों के साथ ही गांवों में भी इस बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में भी मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग में यह बात उजागर हुई है। पिछले साल अप्रैल से लेकर अब तक प्रदेशभर में एक लाख 62 हजार 377 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिनमें 21 हजार 987 मधुमेह की जद में हैं। चिंताजनक पहलू कि यह संख्या कुल स्क्रीनिंग की करीब चौदह फीसद है।

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दरअसल, प्रदेश में गैर संचारी रोगों की निगरानी और उपचार के लिए वेलनेस सेंटर पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग 30 साल से अधिक उम्र के लोगों की नियमित हेल्थ स्क्रीनिंग करता है। इन लोगों में हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की आशंका अधिक रहती है। एनसीडी और हेल्थ एंड वेलनेस के नोडल अधिकारी डॉ. फरीदुज्जफर ने बताया कि पूरे प्रदेश में तकरीबन 1030 वेलनेस सेंटर पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। 

स्क्रीनिंग में बड़े स्तर पर लोग मधुमेह से ग्रसित पाए गए हैं। इनमें ज्यादा प्रभावित हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून जैसे जिले हैं। पर पौड़ी, अल्मोड़ा सहित तमाम पर्वतीय जिले भी इस बीमारी के बढ़ते बोझ से अछूते नहीं हैं। गांधी शताब्दी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार कभी पहाड़ के जीवन को सेहत के लिहाज से मुफीद माना जाता था, लेकिन बदलते परिवेश में यहां भी गैर संचारी रोगों का बोझ बढ़ता जा रहा है। इन्हीं में एक मधुमेह भी है। 

दिनचर्या में हो सुधार, नियमित कसरत जरूरी 

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ भोजन खाना और नियमित रूप से कसरत करना जरूरी है। दवाओं के साथ-साथ एक स्वस्थ दिनचर्या आपको इस स्वास्थ्य विकार से लड़ने में मदद करेगी। मधुमेह नियंत्रण के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में से एक तनाव प्रबंधन और अच्छी नींद लेना भी है। अधिक वजन होने से मधुमेह नियंत्रण प्रभावित हो सकता है और जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है। उनका कहना है कि मधुमेह की जटिलताओं के संकेतों को पहचाने और समय रहता चिकित्सा करवाए।

कोरोना का ज्यादा खतरा

डायबिटीज के मरीज अपने कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण अक्सर खतरनाक वायरस के चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में इन लोगों को कोरोना संकट से बचने के लिए कई तरह से सावधानियां बरतनी चाहिए। वरिष्ठ फिजीशयन डॉ. मुकेश सुंद्रियाल के अनुसार डायबिटिक यानी हाई ब्लड शुगर वाले लोगों में कोरोना वायरस का सबसे अधिक खतरा होता है। हाई ब्लड शुगर के कारण ऐसे लोगों का इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है। 

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डायबिटिक व्यक्ति को निमोनिया का भी अधिक खतरा रहता है। इसलिए ऐसे लोगों को कोविड 19 से बचे रहने के लिए सतर्कता बरतनी चाहिए। सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से बचें। किसी से मिलते या बातचीत करते समय उचित दूरी बनाकर रहें। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के चपेट में आ जाने के बाद डायबिटीज के मरीज में निमोनिया और किडनी फेलियर की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सुरक्षित रहें।

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