Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आर्थिक तरक्की का गवाह बना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, खुशहाली को लेकर हुआ मंथन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 09 Oct 2018 08:24 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इसमें उत्तराखंड की आर्थिक खुशहाली को लेकर मंथन हुआ तो भविष्य की इबारत लिखने के मद्देनजर हाथ भी खूब मिले। ...और पढ़ें

    Hero Image
    आर्थिक तरक्की का गवाह बना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, खुशहाली को लेकर हुआ मंथन

    देहरादून, [केदार दत्त]: शहर से करीब 12 किलोमीटर के फासले पर रायपुर स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के साथ रविवार को एक नई उपलब्धि भी जुड़ गई। मौका था 'डेस्टिनेशन उत्तराखंड : इन्वेस्टर्स समिट' के आगाज का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इसमें उत्तराखंड की आर्थिक खुशहाली को लेकर मंथन हुआ तो भविष्य की इबारत लिखने के मद्देनजर हाथ भी खूब मिले। समिट को लेकर निवेशकों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया, उससे राज्य में अच्छे दिनों की आस जगी है। यही नहीं, समिट के दौरान उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के साथ ही यहां के हस्तशिल्प समेत प्रमुख उत्पादों से भी निवेशक रूबरू हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में रविवार सुबह से ही खासी चहल-पहल थी तो इसके पीछे वजह थी पिछले कई महीनों से चल रही राज्य की आर्थिक तरक्की से जुड़ी इन्वेस्टर्स समिट के आकार लेने की। दो-दिवसीय समिट के मद्देनजर सुबह से ही निवेशकों के साथ ही गणमान्य लोगों का स्टेडियम पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। कुछ अव्यवस्थाओं को छोड़ दिया जाए तो समिट लेकर निवेशकों का उत्साह देखते ही बनता था। हालांकि, कई निवेशकों को पास न मिलने के कारण बैरंग भी लौटना पड़ा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर उम्मीदें परवान चढ़ी और सबसे पहले मंच पर दर्शन हुए उत्तराखंड की लोक विरासत थे। पारंपरिक परिधानों में सजे  लोककलाकारों ने किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए गाये जाने वाले मांगल गीत 'दैंणा हूंय्या खोलि का गणेशा' की प्रस्तुति दी तो हर कोई देवभूमि के रंगों में रंग गया। इसके बाद तो समिट के सफर ने राज्य की आर्थिक तरक्की को लेकर मंथन और इसे धरातल पर उतारने के मद्देनजर भविष्य का खाका खींचने पर आकर विराम लिया। यह मंथन सोमवार को भी जारी रहेगा।

    यही नहीं, बात जब इतने बड़े आयोजन की थी तो सरकार की ओर से उत्तराखंड के हस्तशिल्प से लेकर प्रमुख उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया। फिर चाहे वह तांबे से बने पारंपरिक वाद्य यंत्र हों अथवा बर्तन, यहां के जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, संगध उत्पाद समेत दूसरे उत्पाद, सभी ने देश-विदेश के निवेशकों का अपनी ओर ध्यान खींचने में सफलता पाई। इस पहल के जरिये सरकार ने राज्य में विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाओं के बारे में जानकारी देने का भी प्रयास किया।

    यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, 'ऊर्जा' का स्रोत है उत्तराखंड

    यह भी पढ़ें: इन्वेस्टर्स समिट: पारंपरिक छवि में बदलाव के मुहाने पर देवभूमि