उत्तराखंड में एलयूसीसी की तरह एक और घोटाला, निवेश के नाम पर करोड़ों ठगे
एक कंपनी ने निवेश का झांसा देकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करोड़ों रुपये जमा कराए। कंपनी ने उत्तर प्रदेश में अपनी शाखाएं बंद कर दी हैं। वाराणसी के पीड़ितों ने देहरादून में कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पटेलनगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी ने उनसे 1.35 करोड़ रुपये जमा कराए और अब रिटर्न नहीं दे रही है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। द लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी (एलयूसीसी) की तरह एक और करोड़ों के घोटाले का एक और मामला सामने आया है। एक कंपनी ने निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपये जमा कर दिए और उत्तर प्रदेश में अपनी शाखाएं बंद कर दी।
उत्तराखंड में क्षेत्रीय कार्यालय पर सुरक्षाकर्मी रखे गए हैं। गुरुवार को वाराणसी से कुछ पीड़ित दून पहुंचे और कंपनी कार्यालय के बाहर विरोध किया। इसके बाद पीड़ितों ने पटेलनगर कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी।
गुरुवार को वाराणसी से दून पहुंचे विष्णु पांडे, अमित यादव, अशोक कुमार मौर्य, राजीव प्रजापति, संजय कुमार, रिंकू, सुजीत कुमार ने बताया कि एक कंपनी ने वाराणसी में हेड आफिस और देहरादून में क्षेत्रीय कार्यालय खोला। इसके बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग शाखाएं खोलकर वर्ष 2022-23 से निवेश के नाम पर रकम जमा करानी शुरू की।
कंपनी की ओर से पहले अपने एजेंट बनाएं और मासिक और एक मुश्त रकम जमा करने के विकल्प लोगों को दिए गए। शुरुआत में लोगों को रिटर्न दिया गया, लेकिन पिछले करीब एक साल से लोगों कोई रिटर्न नहीं दिया गया।
पीड़ितों ने बताया कि वाराणसी स्थित कंपनी मुख्यालय कई महीने पहले बंद हो गया है। इसके बाद वह दून में क्षेत्रीय कार्यालय पर पहुंचे। यहां कंपनी संचालक तो नहीं मिले लेकिन क्षेत्रीय कार्यालय पर सुरक्षा कर्मी मौजूद थे। उनके जरिए कंपनी के अफसरों से बात हुई तो संचालकों ने खुद को विदेश में बताया।
पीड़ितों ने आक्रोश जताते हुए अपनी रकम मांगी। कहा कि उनकी टीम के करीब 30 लोगों के 1.35 करोड़ जमा है। सूचना पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय कार्यालय में मौजूद लोगों और पीड़िताें को पटेलनगर कोतवाली लाया गया।
प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर कोतवाली चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। पीड़ितों से दस्तावेज मांगे गए हैं। उत्तराखंड में कंपनी के निवेश की जानकारी जुटाई जा रही है। सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।