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    International Yoga Festival: विदेशी साधक भारतीय संस्‍कृति के मुरीद, साड़ी, बिंदी व कुमकुम में सज रहीं महिलाएं

    By Durga prasad nautiyalEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Mon, 13 Mar 2023 02:03 PM (IST)

    International Yoga Festival परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के नब्बे देश से 1100 से अधिक योग साधक पहुंचे हैं। खास बात यह ...और पढ़ें

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    International Yoga Festival: विदेशी साधक भारतीय परिधानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

    दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश: International Yoga Festival 2023: परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के नब्बे देश से 1100 से अधिक योग साधक पहुंचे हैं। योग महोत्सव का यह आयोजन एक लघु विश्व की झलक प्रस्तुत कर रहा है।

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    इन योग साधकों की बोली, भाषा, वेशभूषा और खान-पान भले ही अलग-अलग है। मगर, सबके मन में योग की ही एक धुन है। खास बात यह भी है कि विदेशी साधक भारतीय परिधानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

    भारतीय पारंपरिक परिधान पहनकर योग कक्षाओं में शामिल हो रहे

    संस्कृति और परिधान का ताल-मेल बहुत पुराना है। किसी भी देश की संस्कृति को जानना हो तो वहां के दैनिक जीवन के तौर-तरीके और वेशभूषा को देखा जाता है। मुख्य रूप से भारतीय परंपरा व संस्कृति इस मामले में सर्वोत्तम रही है। यही वजह है कि योग महोत्सव में बड़ी संख्या में ऐसे भी विदेशी साधक हैं जो भारतीय पारंपरिक परिधान पहनकर योग कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं।

    विदेशी महिला साधकों को साड़ी पहनना, बिंदिया और कुमकुम लगाना खूब भा रहा है। आस्ट्रेलिया निवासी मारिया अपनी तीन साथियों के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंची हैं।

    यह तीनों अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कान) से भी जुड़ी हैं। इन्हें भारतीय संस्कृति और खास तौर पर भारतीय परिधान पसंद आते हैं। उन्होंने अपना पहनावा पूरी तरह से भारतीय परिधान को बनाया है। यह तीनों साड़ी, ब्लाउज पहने रहती हैं।

    हाथों में हल्की चूड़ियां और माथे पर बिंदी, कुमकुम लगाना पसंद

    इसके अलावा उन्हें हाथों में हल्की चूड़ियां और माथे पर बिंदी और कुमकुम के टीके लगाना पसंद है। कनाडा की जेश विल का कहना है कि भारतीय परिधान में साड़ी एक सबसे सुंदर पोशाक है।

    इस पांच से छह गज लंबी साड़ी को पहनने के लिए शुरुआत में खासी मशक्कत करनी पड़ी। मगर अब वह स्वयं तथा अन्य साथियों को भी साड़ी पहनाती हैं। इतना ही नहीं योग महोत्सव में कई विदेशी महिलाएं साड़ी और सलवार-कुर्ता पहनने के साथ सिर पर शीशफूल और कजरा भी सजा रही हैं।

    विदेशी महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी भारतीय परिधानों के प्रति खासी रुचि है। इसमें सबसे अधिक लोकप्रिय पारंपरिक भारतीय पोशाक कुर्ता-पायजामा है। इंग्लैंड निवासी जानथिन मैन्न ने बताया कि उन्हें सूती कुर्ता-पायजामा पहनना सबसे अच्छा लगता है।

    ध्यान तथा योगाभ्यास करने में कुर्ता-पायजामा अधिक आरामदायक है और इसे पहनना भी बेहद आसान है। बहरहाल अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में जीवन के कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं। भारतीय संस्कृति में रंगे विदेशी योग साधकों को देखकर यह अहसास जरूर होता है कि योग में वास्तव में पूरी दुनिया को जोड़ने की ताकत है।