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    International Yoga Day 2022 : आसानी से कुर्सी पर बैठकर आफिस में कर सकते हैं ये 7 योगासन, मिलेगा फायदा

    International Yoga Day 2022 21 जून योग दिवस मनाया जाएगा। दैनिक जागरण नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आया है जो आप कुर्सी पर बैठे-बैठे कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में और इन्हें कैसे करते हैं।

    By Nirmala BohraEdited By: Updated: Mon, 20 Jun 2022 06:21 PM (IST)
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    International Yoga Day 2022 : कुर्सी पर बैठे-बैठे कर सकते हैं योगासन

    जागरण संवाददाता, देहरादून: International Yoga Day 2022 : 21 जून मंगलवार को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाएगा। भागदौड़ भरे जीवन में नौकरीपेशा लोग अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाते। कई घंटे लगातार काम करने के कारण वह थक जाते हैं। इससे जहां एक ओर काम पर असर पड़ता है। वहीं धीरे-धीरे नीरसता भी होने लगती है। आज दैनिक जागरण नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आया है जो आप कुर्सी पर बैठे-बैठे कर सकते हैं। इससे आपकी थकान दूर होगी और स्फूर्तिदायक भी महसूस करेंगे। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में और इन्हें कैसे करते हैं।

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    चेयर या कुर्सी योग

    योगाचार्य रोहित गौतम के अनुसार इन्हें चेयर योग या कुर्सी योग कहा जाता है। ये माडिफाइ योगासन होते हैं जो उन लोगों के लिए आसान हो जाता हैं किसी समस्या के कारण खड़े नहीं हो सकते हैं या फिर काम की वजह से उन्हें समय नहीं मिल पाता। चेयर योग का अभ्यास करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका अभ्यास करने वाले लोग कुर्सी पर बैठे-बैठे ही कई प्रकार के टविस्ट और स्ट्रेच आसानी से कर सकते हैं। इस योग से मसल्स टोन होनाए स्ट्रेस में कमी आना, अच्छी नींद आना जैसे फायदे भी मिलते हैं।

    आफिस में डेस्क जाब करने वाले ऐसे लोगों के लिए यह ज्यादा फायदेमंद होते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें आठ या उससे ज्यादा घंटे तक कुर्सी पर बैठकर काम करना पड़ता हैए वह बीच में से सिर्फ 15 मिनट तक चेयर योग करके थकान को दूर भगा सकते हैं।

    बितिलासन : इसके लिए कुर्सी पर बैठ जाएं। रीढ़ सीधी रखें और दोनों पैर फर्श पर और दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें। अब लंबी सांस लें और सीने को बाहर की ओर फुलाएं। इसके बादरीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए कंधों को पीछे की तरफ ले जाएं। सांस छोड़ते हुएए रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरफ ले जाकर गोल करें और ठोड़ी को गले में लगाएं। इस दौरान कंधे और सिर आगे की तरफ झुक जाएंगे।

    ऊर्ध्व हस्तासन: सांस अंदर खींचते हुए दोनों हाथों को छत की तरफ उठाएं। दोनों पैरों के बीच में करीब एक फीट का फासला रखें। कंधों की मांसपेशियों को पीठ की तरफ खींचें, इस दौरान जांघ और कूल्हे की मांसपेशियों को स्थिर बनाए रखें।

    उत्तानासन : सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुक जाएं। हथेलियों को फर्श पर रखें और सिर को जांघों पर रखें। सांस खींचते हुएए हाथों को सिर के ऊपर उठाएं। फिर सामान्य हो जाएं।

    उत्थित पार्श्वकोणासन : कुर्सी पर बैठे हुए दोनों हाथों को फैलाएं। बायीं हथेली को बाएं पैर के बाहर फर्श पर लगाएं। सांस खींचते हुए दाएं हाथ को ऊपर की तरफ ले जाएं और दाएं हाथ की ओर से छत की तरफ देखने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रूकें। यह दोनों तरफ से करें।

    एकपद राजकपोतासन : दाएं पैर की एड़ी को बाएं जांघ पर रखें। घुटने को एड़ी की सीध में रखें। सामान्य गति से सांस लेते और छोड़ते रहें। बाद में यही प्रक्रिया बाएं पैर की एड़ी को दाएं पैर की जांघ पर रखकर करें।

    गरुड़ासन : पनी दायीं जांघ को बायीं जांघ पर रखकर क्रास कर लें। दाएं पैर के पंजे से बायें पैर की पिंडली को लपेट लें। अब बाएं हाथ को कोहनी से दाएं पर लपेटकर हथेलियों को छूने की कोशिश करें। दोनों कोहनियों को उठाएं और कंधों को कानों से दूर करें। कुछ देर रूके, इसके बाद दूसरे हाथ से भी इसका अभ्यास करें।

    शवासन : आंखें बंदकर कुर्सी पर बैठ जाएं और दोनों हाथों को गोद में रख लें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें।

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