उत्तराखंड: एकल महिलाओं के सशक्तीकरण को स्वरोजगार योजना, एक लाख रुपये के तक के प्रोजेक्ट पर मिलेगा 50% अनुदान
International Women Day 2023 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखंड सरकार ने एकल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लाथार्थी महिलाओं को एक लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: International Women Day 2023: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखंड सरकार ने एकल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। ऐसी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत लाथार्थी महिलाओं को एक लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के समापन पर मुख्य सेवक सदन में 'एकल महिला संघर्ष से सशक्तीकरण की ओर' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में इस योजना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि आज महिलाओं ने हर क्षेत्र में स्वयं को साबित किया है। प्रदेश के दुर्गम गांवों में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने को तेजी से कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि मातृशक्ति ने अपने अथक परिश्रम से जहां स्वयं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए हैं, वहीं देवभूमि की सभ्यता व संस्कृति को जीवंत रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का है।
एकल निराश्रित महिलाओं को संबल
प्रदेश में एकल निराश्रित महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना सहायक सिद्ध होगी। प्रथम चरण में इसके तहत छोटे-छोटे उद्यमों के जरिये स्वरोजगार के लिए एकल महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
योजना में विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, किन्नर और अपराध व एसिड हमले से पीडि़त महिलाओं को शामिल किया जाएगा। राज्य में एकल महिलाओं की संख्या साढ़े पांच लाख के लगभग आंकी गई है।
वर्ष 2011 की जनगणना में ऐसी महिलाओं की संख्या चार लाख से ज्यादा थी। योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग नोडल होगा।
योजना में शामिल व्यवसाय
बागवानी, कृषि, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी पालन, पशुपालन, मत्स्य पालन, औद्यानिकी, फल व खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही दुकान आदि जैसे व्यवसाय शामिल किए गए हैं। साथ ही महिलाओं को उनकी मांग व आवश्यकता आधारित स्वरोजगार को भी योजना में शामिल किया जाएगा।
ये हैं पात्रता की शर्तें
- महिला उत्तराखंड की मूल निवासी हो
- न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम 45 वर्ष
- मासिक आय छह हजार रुपये से अधिक न हो
- किसी भी संगठित सेवा, सरकारी, गैर सरकारी उपक्रम में कार्यरत न हो
- राजकीय व पारिवारिक पेंशन प्राप्त न करती हो
- विधवा, विकलांग जैसी कल्याणकारी योजनाओंं से पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं भी पात्र होंगी।
मंत्री रेखा आर्या की पहल पर बनी योजना
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या की पहल पर विभाग ने एकल महिलाओं के स्वरोजगार के लिए इस योजना का खाका खींचा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के साप्ताहिक कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले मंत्री आर्या ने योजना के संबंध में निर्देश दिए और अब यह आकार लेने जा रही है।