गैस एजेंसियों को उद्योगों से ऑक्सीजन सिलिंडर वापस मांगने के निर्देश
अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए जिला प्रशासन ने सक्रियता के साथ काम शुरू कर दिया है। रविवार को जिला प्रशासन ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ दो ऑक्सीजन एजेंसियों पर छापेमारी की।

जागरण संवाददाता, देहरादून: अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन मिल सके इसके लिए जिला प्रशासन ने सक्रियता के साथ काम शुरू कर दिया है। रविवार को जिला प्रशासन ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ दो ऑक्सीजन एजेंसियों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एजेंसी संचालकों की लॉग बुक एवं सिलिंडरों के वितरण का पूरा हिसाब भी जांचा गया। दोनों ही एजेंसियों ने सिङ्क्षलडर वितरण का हिसाब नहीं रखा था, जिसपर टीम ने उन्हें फटकार लगाई। टीम ने एजेंसी संचालकों को उद्योगों को भेजे गए सभी सिङ्क्षलडर वापस मंगाने और पूरा रिकॉर्ड जिला प्रशासन को नियमित तौर पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
ऑक्सीजन पूर्ति के नोडल एसडीएम प्रेमलाल की अगुवाई में सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, एसडीएम गोपाल राम बिनवाल और जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत ङ्क्षसह कंडारी ऑक्सीजन सप्लाई कर रही एजेंसियों पर छापेमारी करने पहुंचे। कांवली रोड स्थित अंबिका गैसेस पर छापेमारी में टीम ने पाया कि एजेंसी अस्पतालों के साथ उद्योगों को भी ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर की पूर्ति कर रही है। जिसपर एजेंसी संचालक को जल्द सभी सिङ्क्षलडर वापस मंगावाकर जिला प्रशासन को पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए। उधर, माजरा स्थित गुप्ता गैसेस में भी ये अनियमितता देखने को मिली। एसडीएम प्रेमलाल ने एजेंसी संचालक को सभी सिङ्क्षलडर गोदाम पर मांगने और अस्पतालों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं करने पर मुकदमा दर्ज करने की हिदायत दी गई।
घर पर स्टॉक न करने की अपील
ऑक्सीजन पूर्ति के नोडल एसडीएम प्रेमलाल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई है कि लोग बिना वजह अपने घर पर ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर स्टॉक कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के भय और शरीर ऑक्सीजन में ऑक्सीजन की कमी के डर से लोग बिना कारण ही ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर घर पर रख रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की मांग बढ़ती जा रही है। इसी के चलते ऑक्सीजन की कालाबाजारी को भी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने आम जन को बिना कारण ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर स्टॉक न करने की अपील की है। वर्तमान में जिन व्यक्तियों ने बिना वजह सिङ्क्षलडर घर पर रखे हैं, उनसे भी सिङ्क्षलडर वापस लाने को कहा है।
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उद्योगों का भी कालाबाजारी में हाथ
ऑक्सीजन की मांग अस्पतालों में जितनी बढ़ी है, उतनी ही उद्योगों में भी पूर्ति में कमी आ रही है। केंद्र और राज्य सरकार फिलहाल उद्योगों को ऑक्सीजन पूर्ति न करने के निर्देश भी दे चुकी हैं। ऐसे में उद्योग संचालक ऑक्सीजन सप्लाई करने वालों को मुंह मांगी कीमत पर देने को तैयार हैं। जिला पूर्ति अधिकारी एवं ऑक्सीजन पूर्ति के सहनोडल जसवंत ङ्क्षसह कंडारी ने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी को बढ़ावा उद्योग संचालक एवं घर पर ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर स्टॉक कर रहे लोग के कारण मिल रहा है। जिससे जरूरतमंदों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल रही। इसलिए हर सप्लायर से सभी सिङ्क्षलडर का रिकार्ड तैयार कर सप्लाई केवल अस्पतालों को करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी सप्लायर पर जिला प्रशासन पूरी निगरानी रखे हुए है।
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