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    Mockdrill: छात्रों को प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्यों की दी जानकारी

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 14 Oct 2021 01:36 PM (IST)

    प्राकृतिक आपदा के सबसे ज्यादा मामले वाले देशों में चीन और अमेरिका के बाद भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है। इसके चलते यहां हर वर्ष बड़ी मात्रा में जान ...और पढ़ें

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    कार्यशाला में छात्रों को माकड्रिल के माध्यम से प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी गई।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: प्राकृतिक आपदा के सबसे ज्यादा मामले वाले देशों में चीन और अमेरिका के बाद भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है। इसके चलते यहां हर वर्ष बड़ी मात्रा में जान-माल का नुकसान होता है। इस नुकसान को कम करने के लिए हमें आपदा प्रबंधन योजना पर ध्यान केंद्रित करना होगा। साथ ही अगली पीढ़ी के लिए नया आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम विकसित करना होगा। जिससे वह सीख सकें कि आपदा की स्थिति में बचाव और राहत कार्य किस प्रकार करना है। यह बातें बुधवार को दून विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एनवायरमेंट एंड नेचुरल रिसोर्सेज विभाग की अध्यक्ष प्रो. कुसुम अरुणाचलम ने कहीं।

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    प्रो. कुसुम विश्वविद्यालय में आपदा जोखिम न्यूनीकरण अंतरराष्ट्रीय दिवस पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। कार्यशाला में छात्रों को माकड्रिल के माध्यम से प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी गई। कार्यशाला का आयोजन द नेचर क्लब आफ दून विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट फार द एडवांस स्टडी आफ सस्टेनब्लिटी संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय टोक्यो के सहयोग से किया गया। प्रो. कुसुम ने कहा कि प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य आपदा से जीवन के नुकसान को कम करना है।

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    केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के विशेषज्ञ डा. अवदेश कुमार गंगवार ने कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण सामाजिक और आर्थिक विकास का अभिन्न अंग है। अगर विकास को टिकाऊ बनाना है तो इसका ध्यान रखना आवश्यक है। बुनियादी ढांचे के विकास, निर्माण और रखरखाव में आपदा जोखिम न्यूनीकरण का ध्यान रखा जाए तो आपदाओं से बचा या उन्हें रोका जा सकता है। इस दौरान दिनेश भट्ट के नेतृत्व में राज्य अग्निशमन सेवा विभाग के अधिकारियों ने माक ड्रिल की। इस मौके पर डा. उज्ज्वल कुमार, डा. अर्चना शर्मा, डा. अचलेश देवरी आदि मौजूद रहे।

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