Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Indian Military Academy में रखी है पाक के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी की पिस्तौल, उल्टा लटका हुआ है पाकिस्तानी ध्वज

    By SUKANT MAMGAINEdited By: Sunil Negi
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 04:40 PM (IST)

    Indian Military Academy 16 दिसंबर को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जसजीत अरोड़ा के सामने ...और पढ़ें

    Hero Image

    Indian Military Academy के संग्रहालय में रखी पाकिस्तानी जनरल एएके नियाज़ी की पिस्टल।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: Indian Military Academy 16 दिसंबर ही वह दिन था, जब पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने करीब 90 हजार सैनिकों के साथ भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जसजीत अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर हथियार डाल दिए थे।

    जनरल नियाजी के आत्मसमर्पण करने के साथ ही यह युद्ध भी समाप्त हो गया। इस दौरान जनरल नियाजी ने अपनी पिस्तौल जनरल अरोड़ा को सौंप दी। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में रखी यह पिस्तौल आज भी भावी सैन्य अफसरों में जोश भरने का काम करती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ईस्टर्न कमांड के जनरल आफिसर कमांडिंग ले. जनरल अरोड़ा ने यह पिस्तौल आइएमए के गोल्डन जुबली वर्ष 1982 में आइएमए को प्रदान की थी।

    उल्टा लटका हुआ है पाकिस्तानी ध्वज

    इसी युद्ध से जुड़ी दूसरी वस्तु एक पाकिस्तानी ध्वज है, जो आइएमए में उल्टा लटका हुआ है। इस ध्वज को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की 31 पंजाब बटालियन से सात से नौ सितंबर तक चले सिलहत युद्ध के दौरान कब्जे में लिया था। जनरल राव ने आइएमए के गोल्डन जुबली वर्ष में यह ध्वज अकादमी को प्रदान किया।

    नियाजी की काफी टेबल बुक भी है यहां

    1971 में हुए युद्ध की एक अन्य निशानी जनरल नियाजी की काफी टेबल बुक भी आइएमए की शोभा बढ़ा रही है। यह निशानी कर्नल (रिटायर्ड) रमेश भनोट ने जून 2008 में आइएमए को सौंपी थी।

    यह भी पढ़ें- 1971 के भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड के वीर योद्धाओं ने मनवाया था लोहा, 248 लाल हुए थे बलिदान

    यह भी पढ़ें- Indian Military Academy में 25 साल बाद जुटे जांबाज सैन्य अफसर, ट्रेनिंग के खट्टे-मीठे पलों को किया याद