देहरादून में ग्राफिक एरा में आयोजित हुआ फैशन शो, छात्राओं ने रैंप पर जीवंत कीं देशभर की जनजातीय परंपराएं
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में उत्तरागम-2025 फैशन शो में भारत की लोक विरासत को दर्शाया गया। छात्रों ने जनजातीय परंपराओं और हस्तकला को आधुनिक परिधानों में प्रस्तुत किया। भोटिया, बोडो, वार्ली और कुल्लू संग्रहों ने अपनी-अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं ने कार्यक्रम को और भी जीवंत बना दिया, जिसमें छात्रों ने जनजातीय कला की बारीकियों को सीखा।

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित उत्तरागम-2025 फैशन शो में रैंप वाक करती छात्राएं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित उत्तरागम-2025 फैशन शो में भारत की लोक विरासत जीवंत हो उठी। छात्र-छात्राओं ने देशभर की जनजातीय परंपराओं और हस्तकला की झलक को परिधानों में प्रस्तुत कर परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम दर्शाया। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि भारतीय जनजातीय संस्कृति केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि भविष्य की प्रेरणा है।
फैशन शो में छात्र-छात्राओं ने जनजातीय कलाओं से प्रेरित विशिष्ट कलेक्शन को आधुनिक रूप में रैंप पर प्रस्तुत किया। भोटिया कलेक्शन ने हिमालय की ऊंचाइयों से प्रेरित ऊनी परिधानों के माध्यम से उत्तराखंड की दृढ़ता को उजागर किया।
बोडो कलेक्शन ने असम की एरी सिल्क बुनाई को माडर्न फैशन में ढाला। वार्ली कला संग्रह ने महाराष्ट्र की लोक चित्र परंपरा को फैब्रिक पर उकेरते हुए गहराई का संदेश दिया। कुल्लू बुनावट ने हिमाचल की ऊनी गर्माहट को समकालीन सौंदर्य से जोड़ा।
दक्षिण भारत की टोडा कढ़ाई ने दर्शकों को प्रभावित किया, जबकि जौनसार कलेक्शन ने उत्तराखंड की लोक पहनावे को आधुनिक सिल्हूट्स में ढाला। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने रंग भरा, जिसमें गढ़वाली लोकगीत, रम्माण नृत्य और भरतनाट्यम शामिल थे। इस अवसर पर जनजातीय शिल्पकारों ने बच्चों को हस्तशिल्प की बारीकियां सिखाईं।
कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के फैशन डिजाइन विभाग और आल इंडिया आर्टिशन एंड क्राफ्टवर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
इस मौके पर कुलपति डा. अमित आर. भट्ट, विभागाध्यक्ष डा. ज्योति छाबड़ा, एआइका की कार्यकारी निदेशक मीनू चोपड़ा, गवर्निंग बाडी सदस्य डा. मधुरा दत्ता, शिल्प कान्सेप्ट के सह-संस्थापक राजेश जैन, श्रद्धा शुक्ला, अमृत दास आदि मौजूद रहे। संचालन विपुल तिवारी और विशाल छाबड़ा ने किया।

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